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केदारघाटी की झीलों का अस्तित्व संकट में

रुद्रप्रयाग। हिमालय में तेजी से हो रहे भौगोलिक परिवर्तन और दैवीय आपदाओं के कारण प्राकृतिक झीलों का अस्तित्व लगातार खतरे में

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पड़ता जा रहा है। पर्यावरणविद भी यह मान कर चल रहे हैं कि झीलों का जल स्तर यदि इसी तरह घटता चला गया तो आने वाले कुछ ही वर्षों में ये गायब हो सकती हैं । यह स्थिति न केवल पर्यावरण संतुलन, बल्कि जीव-जंतुओं के लिए भी बहुत नुकसानदेह साबित होगी।

उच्च हिमालयीय क्षेत्र में कई प्रमुख झीलें अनादि काल से ही अवस्थित हैं, जो हिमालय के पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। केदारघाटी में आधा दर्जन झीलें आठ हजार से चौदह हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित हैं। लगातार बदल रहे मौसम और ग्लोबल वार्मिंग के चलते इन झीलों के अस्तित्व पर संकट के बादल छा गए हैं। बासुकीताल की बात करें तो यह पूर्व में लगभग डेढ़ किमी दायरे में फैली हुई थी, लेकिन अब यह झील मात्र चार सौ मीटर दायरे में ही सिमट कर रह गई है। इसके जलस्तर में लगभग दो मीटर की गिरावट दर्ज की गई है। गांधी सरोवर पूरी तरह सूख चुका है। गत वर्ष आपदा के समय यहां पर ही बादल फटा था, तब से इस झील को भारी नुकसान होने के साथ ही पानी पूरी तरह सूख चुका है। यह ताल भी लगभग दस वर्ष पूर्व एक किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ था। इसी प्रकार बधाणीताल, देवरियाताल, नंदी कुंड के जलस्तर में भी भारी कमी दर्ज की जा गई है। इन सभी झीलों का जलस्तर दो से तीन मीटर तक नीचे आ गया है, जबकि क्षेत्रफल भी आधे से कम हो गया है। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मात्र 15 से 20 साल के बीच यह जलस्तर घटा है, जो यह दर्शाता है कि हिमालय में किस तेजी से भौगोलिक परिवर्तन हो रहे हैं।

जीबी पंत इंस्टीटयूट हिमालय इन्वायरमेंट एंड डेवलेपमेंट के वैज्ञानिक इसके पीछे ग्लोबल वार्मिग, बर्फबारी का कम होना, हिमालय क्षेत्र में मानवीय गतिविधियों का बढ़ना और दैवीय आपदाओं, विशेषकर भूकंप और भूस्खलन को ही मुख्य कारण मानते हैं। केदारनाथ के ठीक ऊपर गांधी सरोवर में तो पानी पूरी तरह सूख चुका है। माना जा रहा है कि झीलों के समाप्त होने से यहां के पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचेगा। वन्य जीवों के लिए भी यह एक बड़े खतरे की घंटी है।

जीबी पंत इंस्टीटयूट हिमालय इन्वायरमेंट एंड डेवलेपमेंट के डा. आरके मैखुरी कहते हैं कि उनकी टीम ने कुछ समय पहले केदारनाथ घाटी की झीलों के जलस्तर पर सर्वे किया, जिसमें पाया गया है कि झीलों का जलस्तर लगातार घट रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वे मौसम में आ रहे परिवर्तन को ही मुख्य कारण मानते हैं।

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एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

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