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रोहतांग पास देशी-विदेशी पर्यटकों से गुलजार

रोहतांग पास। कुल्लू जिले में समुद्र तल से 13 हजार फुट की ऊंचाई पर आसमान छूता रोहतांग पास इन दिनों देशी-विदेशी पर्यटकों से गुलजार है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में पुरुष, महिलाएं, बच्चे एवं नव विवाहित जोड़े बर्फ की मोटी चादर के ऊपर अठखेलियां करने यहां पहुंच रहे हैं। कुल्लू-मनाली पहुंचने पर पर्यटकों की बस एक ही चाहत होती है कि किसी भी तरह रोहतांग पास पहुंच जाएं और वहां का आकर्षक नजारा नंगी आंखों से देखें। लाहुल घाटी के प्रवेश द्वार पर इन दिनों सड़क के दोनों ओर कई-कई फुट ऊंची बर्फ की दीवारें, चारों ओर सैलानियों का मेला, कहीं स्नो स्कूटर की घरघराहट तो कहीं घोड़ों की टाप पर्यटकों को किसी दूसरे लोक में पहुंच जाने का आभास कराती हैं।

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हालांकि पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं, लेकिन फिर भी रोहतांग पास तक पहुंचाना आसान नहीं है। वहां जाने के लिए सुबह ही
मनाली से चलना पड़ता है ताकि यदि चार-पांच घंटे जाम में फंस भी गए तो भी किसी न किसी तरह दोपहर तक रोहतांग पहुंच ही जाएंगे। मनाली से सुबह तीन बजे ही गाडिय़ां रोहतांग की ओर निकल पड़ती हैं और यह सिलसिला दोपहर बाद तक जारी रहता है। पहला पड़ाव मढ़ी रहता है जहां सुबह 8 बजे के बाद 12 बजे तक बैरियर लगा दिया जाता है ताकि आगे निकल गए पर्यटक किसी तरह सुरक्षित रोहतांग पहुंच जाएं और जब उनकी वापसी का समय होने लगे तो फिर दूसरी खेप को छोड़ा जाए। इस दौरान सड़क पर वाहनों की मीलों लंबी कतारें लग जाती हैं, जिन्हें दूर से देखने पर ऐसा लगता है जैसे माला में मोती पिरोए गए हों। मनाली, पलचान, कोठी, गुलाबा और मढ़ी के नजारों का आनंद उठाने के बाद रोहतांग की ओर सर्पाकार कैंचियों वाली सड़क पर वाहन सरकते हुए से आगे बढ़ते हैं। यहां कुछ किलोमीटर फासला तय करने में भी घंटों लग जाते हैं। मगर पर्यटक इसमें भी हर पल का आनंद उठाते हैं। भले ही इस दौरान उनकी जेब लगातार हल्की होती जाती है, क्योंकि पानी, स्नेक्स, चाय व काफी आदि तीन गुणा तक महंगे मिलते हैं। मगर यह सब उस समय बेमानी हो जाता है जब रोहतांग का सौंदर्य उनकी आंखों के सामने होता है।

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रोहतांग पास में इस समय हजारों युवा बर्फ के साथ जुड़े रोजगार में जुटे हैं। वे पैराग्लाइडिंग करवा कर, स्नो स्कूटर व गर्म कपड़े किराए पर देकर, पर्यटकों को हाथ से चलाने वाली स्लेज पर घुमाकर, घोड़ों व याक की सवारी करवाकर, स्थानीय पहाड़ी ड्रेस में आकर्षक फोटो उतरवा कर और खाने पीने का सामान आदि बेच कर अच्छी कमाई कर रहे हैं। रोहतांग का यह सौंदर्य अब कुछ ही दिनों का मेहमान है। इस सीजन की बर्फ तेजी से पिघल रही है। वर्षा ऋतु आने तक घाटी बर्फ से पूरी तरह खाली हो जाएगी और हर ओर हरियाली पसर जाएगी।

(सभी फोटो बीरबल शर्मा)

 

 

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