शिमला। सीपीआई(एम) के राज्य सचिव राकेश सिंघा और राज्य सचिवालय सदस्य कुलदीप सिंह तंवर ने कहा है कि शिमला नगर निगम का चुनाव जीतने पर सीपीआई(एम) शहर के विकास के लिए केरल की तर्ज पर आम जनता की भागीदारी से एक फोरम गठित करेगी और इस फोरम से प्राप्त सुझावों के अनुरूप ही विकास योजनाओं को अमल में लाया जाएगा।
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माकपा नेताओं ने कहा कि वर्ष 1986 से आज तक इस नगर निगम पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है, लेकिन वह निगम को सही ढंग से चलाने में पूरी तरह विफल रही है। सुविधाएं मात्र पॉश कालोनियों तक सिमट कर रह गई हैं। आम जनता पानी, बिजली, स्ट्रीट लाइट, सड़कों व सफाई व्यवस्था के लिए चिल्लाती रहती है, लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं होती।
राकेश सिंघा और कुलदीप तंवर ने कहा कि नगर निगम में स्थिति यह हो गई है कि यहां जनप्रतिनिधि मात्र नाम के लिए रह गए हैं और आयुक्त ही सब कुछ हो गया है। कौंसलरों के बैठने तक के लिए उचित व्यवस्था नहीं है, जहां लोग आकर उनसे मिल सकें। इस व्यवस्था में व्यापक सुधार की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि सीपीआई (एम) ने महापौर पद के लिए संजय चौहान और उपमहापौर पद के लिए टिकेंद्र पंवर को मैदान में उतारा है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन आम जनता की सेवा के लिए समर्पित कर रखा है। इन दोनों का न कोई बिजनेस है और न ही ये किसी ठेकेदारी के धंधे से जुड़े हैं। ये लोग लंबे समय से शहरवासियों की समस्याओं को लेकर आंदोलनों का नेतृत्व करते रहे हैं और अनेक समस्याओं का समाधान कराने में कामयाब भी हुए हैं। इसमें रात 8 बजे से सुबह सात बजे तक बसें पुराने बस स्टैंड से चलवाना, बूचडख़ाने को स्थानांतरित करवाना, लाल बसों के किराये को घटवाना, अनाडेल में गवाई-शील गांव के रास्तों को खुलवाना और अनाडेल मैदान को भू-माफिया के शिकंजे से बचाना आदि प्रमुख है।
उन्होंने कहा कि सीपीआई (एम) निगम के अधिकांश वार्डों में अपने प्रत्याशी खड़ें करेगी। कुछ क्षेत्रों में गैर भाजपाई व गैर कांग्रेसी उम्मीदवारों को समर्थन दिया जा सकता है। माकपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस व भाजपा से चुनाव में कोई समझौता नहीं होगा, क्योंकि ये दोनों ही पार्टियां नवउदारवादी नीतियों की हिमायती हैं और इस नीति का सीपीआई (एम) कड़ा विरोध करती है।
पत्रकार वार्ता में संजय चौहान और टिकेंद्र पंवर भी मौजूद थे। इस अवसर पर पार्टी ने संजय चौहान और टिकेंद्र पंवर के संक्षिप्त जीवन परिचय वाले प्रपत्र भी जारी किए।