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होम-स्टे योजना पर अब लग्जरी टैक्स का साया

मंडी। हिमाचल प्रदेश में गांवों तक पर्यटनीय गतिविधियां बढ़ाने और युवाओं को रोजगार के अवसर

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उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई महत्वाकांक्षी होम-स्टे योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है। यह योजना अभी पर्यटकों में व्यापक रूप से लोकप्रिय भी नहीं हो पाई थी कि इस पर दस प्रतिशत लग्जरी टैक्स लागू कर दिया गया है। आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी ने साफ कर दिया है कि पांच साल पूरा कर चुके होम स्टे संचालकों को अब लक्जरी टैक्स देना होगा, क्योंकि सरकार ने इसमें केवल पांच साल तक ही टैक्स में छूट दी थी। लेकिन कुछ संचालकों का कहना है कि उनसे पांच साल पूरा होने से पूर्व ही टैक्स वसूलना शुरू कर दिया गया।

पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2008 में होम स्टे योजना शुरू की थी और इसमें पांच साल तक लग्जरी टैक्स में छूट दी गई थी। तब से अभी तक प्रदेश में 500 के करीब ग्रामीणों ने होम- स्टे शुरू किए हैं। देश भर में ही पर्यटकों का एक वर्ग होम-स्टे के प्रति विशेष रूप से आकर्षित रहा है। बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक ग्रामीण क्षेत्रों की कला, संस्कृति, रहन सहन, पुरातन रीति रिवाजों और प्राकृतिक सौंदर्य के साक्षात् दर्शन करने के लिए गांवों में पहुंचते हैं। हिमाचल प्रदेश में इसकी अभी शुरुआत ही हुई थी कि अब उन्हें भी टैक्स के दायरे में ला दिया गया है।

मंडी जिले के पर्यटन स्थल बरोट में होम-स्टे चलाने वाली केके नेगी का कहना है कि उन्होंने इस योजना के लिए पर्यटन विभाग के पास 2010 में पंजीकरण करवाया था। कायदे से उन्हें 2015 तक लग्जरी टैक्स में छूट मिलनी चाहिए थी, लेकिन आबकारी विभाग ने चार साल बाद ही उनसे चार हजार रुपये लग्जरी टैक्स वसूल लिया। उनका कहना था कि होम स्टे में साल में मात्र दो माह सीजन होता है। शेष दस माह कमरे खाली रहते हैं। ऐसे में तो यह योजना उनके लिए घाटे का सौदा बन गई है।

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जिला पर्यटन विकास अधिकारी विवेक चंदेल  ने भी बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा होम स्टे योजना के संचालकों को लग्जरी टैक्स भरने के नोटिस दिए गए हैं। संचालकों ने यह मामला पर्यटन विभाग से उठाया है। मामला सरकार के संज्ञान में लाया गया है।

कश्मीर घाटी में पर्यटकों की संख्या बढ़ते ही विभाग उन्हें अपने स्तर पर गांवों में ठहराने की व्यवस्था करता है। वर्ष 2012 में भी कश्मीर घाटी में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ आने पर प्रशासन को उन्हें ठहराने के लिए हजारों आम लोगों के घरों में जगह खरीदनी पड़ी। कश्मीर में पर्यटक विभाग के उच्च अधिकारी तलत परवेज ने मीडिया को बताया, ”हमने एक योजना बनाई है। हम हर उस व्यक्ति को दो लाख रुपये देंगे जो अपने घर का व्यावसायिक रुप से इस्तेमाल करने देगा। यह दो तरफा योजना है। इससे जहां पर्यटकों को जगह मिलेगी, वहीं गरीब लोगों को रोजगार का साधन भी मिलेगा।” हैरानी की बात यह है कि गांवों में पर्यटन की अपार संभावनाएं होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश में होम-स्टे जैसी योजना को पीछे धकेलने पर तुली है।

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एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

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