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बिलासपुर। बिलासपुर के महत्वपूर्ण चुनाव क्षेत्र नयनादेवी से कांग्रेस नेता सतपाल शर्मा की दावेदारी से एक बार फिर से पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर की परेशानियां बढ़ सकती हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के बागियों ने ही उनका खेल बिगाड़ा था।
बिलासपुर का नयनादेवी चुनाव क्षेत्र जिले की राजनीति में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। इसका नाम पहले कोटकहलूर हुआ करता था। कांग्रेस, भाजपा और साम्यवादी दल के विधायक इस क्षेत्र में लोगों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वर्तमान में इस क्षेत्र से भाजपा के विधायक रणधीर शर्मा हैं। इनसे पहले कांग्रेस के रामलाल ठाकुर विधायक रहे हैं और उन्होंने हिमाचल के मंत्रिमंडल में भी अहम पदों पर कार्य किया। साम्यवादी दल सीपीआई के तत्कालीन नेता केके कौशल भी विधायक रह चुके हैं। जब भी चुनाव निकट आते हैं, इस चुनाव क्षेत्र में लगभग सभी दलों में टिकट के चाहवानों की सूची बढ़ जाती है।
पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस की हार का कारण ऐसे ही बागी नेता बने थे, जो टिकट न मिल पाने के बाद भी चुनाव में डट गए थे। यह अलग बात है कि उन्हें हजार पंद्रह सौ से अधिक मत नहीं मिल पाए, लेकिन जीत का समीकरण बिगाडऩे में वे कामयाब हो गए थे। प्रदेश में अभी विधानसभा चुनावों को लगभग एक वर्ष का समय बाकी है। इस बार भी नयनादेवी से जिस तरह कांग्रेस नेता सतपाल शर्मा ने टिकट के लिए अपनी दावेदारी अभी ही जता दी है, उससे लग रहा है कि इस बार फिर यहां पार्टी में टिकट को लेकर काफी घमासान मचेगा।
सतपाल शर्मा कांग्रेस के उन सिपहसालारों में से हैं, जिन्होंने इस चुनाव क्षेत्र मे कांग्रेस को अपने लहू से सींचा है। इसके अलावा उन्होंने जिले के सदर और घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में भी अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस को मजबूत किया है। सतपाल शर्मा ने बाकायदा मीडिया में बयान जारी कर अपनी दावेदारी जताई है, जिससे लग रहा है कि वे इस बार पीछे हटने के मूड में नहीं हैं।
सतपाल शर्मा हिम कला संगम के संस्थापक प्रधान भी हैं। पिछले 22 वर्षों से कला और संस्कृति के क्षेत्र में इस संस्था ने बिलासपुर की पहचान राष्ट्रीय स्तर के अलावा विदेशों में भी कायम की है। संस्कृति के संरक्षण के लिए हिम कला संगम ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। जिले का कोई युवक या महिला मंडल नहीं होगा, जिसे हिमा कला संगम ने मंच न प्रदान किया हो। वैसे भी इस दावेदारी से नयनादेवी चुनाव क्षेत्र में कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकते हैं और कांग्रेस के एकछत्र नेता रामलाल ठाकुर को काफी फर्क पड़ सकता है।
यह भी उल्लेखनीय है कि सतपाल शर्मा वर्षों तक रामलाल ठाकुर के करीबी रहे हैं और उनके चुनावों में उन्होंने भरपूर मदद की है। अब कांग्रेस हाईकमान इस दावेदारी को किस तरह से लेती है या फिर रामलाल ठाकुर और उनके समर्थकों पर इसका क्या असर पड़ता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इतना जरूर है कि रामलाल ठाकुर की सरदारी को इस दावेदारी से खतरा हो सकता है।