पालमपुर। हिमाचल प्रदेश की राजनीति का स्तर कभी बहुत ऊंचा और शालीन हुआ करता था। मुझे हिमाचल प्रदेश के
एक मंत्री के व्यक्तिगत जीवन से सम्बन्धित सी0डी0 की अखबारों में जो चर्चा हो रही है वह अत्यन्त निंदनीय है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिना किसी कारण के किसी के व्यक्तिगत जीवन की निजता में प्रवेश करने का अधिकार किसने दिया और किस को दिया। यदि यह सब कुछ सरकारी तंत्र ने किया है तो यह अपराध भी है और महापाप भी है।
इस बार प्रदेश की सरकार बनते ही बहुत से नेताओं के फोन टेप करने की चर्चा अखबारों में रही। यह कहा गया कि 1300 नेताओं व अधिकारियों के फोन टेप किये गये है। मुझे बताया गया था कि उनका (शांता कुमार का) फोन भी टेप होता रहा था। श्री वीरभद्र सिंह बार-बार यह आरोप लगाते रहे, परन्तु आज तक वे इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं कर सके।
यह मामला बहुत गंभीर है। नैतिकता और कानून का उल्लंघन है। मुख्यमंत्री और उन्हीं की पार्टी के एक मंत्री इस में शामिल है। प्रतिदिन अखबारों की खबरें हिमाचल प्रदेश को शर्मसार कर रही है। अतिशीघ्र इस सारे मामले को सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए। निष्पक्ष जांच वही हो सकती है। सबसे पहले तो उन्हें कटघरे में खड़ा करना चाहिए, जिन्होंने कानून और नैतिकता की धज्जियां उड़ाकर फोन टेप किया।
मेरी श्री वीरभद्र सिंह और ठाकुर कौल सिंह से अपील की है कि वे इस प्रश्न पर अखबारों में प्रतिदिन बयान न दें और पूरा मामला सीबीआई को सौंप दें और उसकी जांच की प्रतीक्षा करें। प्रतिदिन के अखबारों के समाचार पूरी राजनीति और नेताओं को बदनाम कर रहे है, इस देश के नेता पहले से ही अपनी छवि काफी खराब कर चुके है। (भाजपा सांसद शांता कुमार के फेसबुक वाल से साभार )
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