शिमला। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) शासित नगर निगम शिमला ने अब तक के इतिहास में पहली बार लाभ का बजट पेश किया, जिसमें तमाम खर्चे निकाल कर 4453. 50 लाख रुपये की अतिरिक्त आय दिखाई गई है। नगर निगम के महापौर संजय चौहान द्वारा बुधवार को वर्ष 2017-18 के लिए प्रस्तुत बजट में कुल 40167. 27 लाख रुपये की आय का अनुमान लगाया गया है, जिसमें 35713.77 लाख का खर्चा आएगा, जबकि 4453.50 लाख रुपये का लाभ होगा।
बजट में निगम ने अपने सभी कर्मचारियों को एक-एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का भी फैसला लिया है। सरकार से एक बार फिर 733 रिक्त पदों को भरने के लिए मंजूरी मांगी गई है। बजट में शहर के लोगों को सस्ता खाना उपलब्ध कराने के लिए ‘नगर निगम थाली योजना’ शुरू करने की घोषणा की गई है। हर वार्ड में एक जिमखाना खोला जाएगा।
नगर निगम में माकपा के वर्तमान काल का यह अंतिम बजट था, जिसमें विपक्ष के किसी भी सदस्य ने कोई हंगामा नहीं किया। कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों ने भी शांतिपूर्वक बैठ कर बजट भाषण सुना और मेजें थपथपा कर बजट का स्वागत किया। शहर की आम जनता ने भी बजट की सराहना की है।
निगम के मेयर संजय चौहान ने बजट पेश करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2012 में जब उन्होंने मेयर का पदभार संभाला था तो निगम की स्थिति बेहद दयनीय थी। कर्मचारियों को वेतन और पेंशन देने के लिए भी धन उपलब्ध नहीं था, लेकिन आज निगम की वित्तीय स्थिति इतनी मजबूत है कि आने वाले समय में निगम को कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह सब निगम के सभी पार्षदों, अधिकारियों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत से ही संभव हो सका है। संजय चौहान ने यह भी कहा कि “निगम के खजाने में यह धन आम जनता की जेब से निकल कर आया है। इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि यह धन जन सुविधाओं और रोजगार के माध्यम से वापस आम जनता के पास जाए।”
नगर निगम के उप महापौर टिकेंद्र सिंह पंवर ने अपने संबोधन में कहा कि बजट में शहर के लिए बहुत आगे का विजन रखा गया है। शिमला की जनता के सहयोग से उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप शहर को स्मार्ट सिटी की फेहरिस्त में शामिल करने के लिए निगम ने जो प्रयास किया था, उसमें सफलता मिली है। इसके लिए निगम को अब प्रदेश सरकार से भी सहयोग की अपेक्षा है।