नई दिल्ली। यूपी के बाद अब गुजरात विधानसभा चुनाव में भी बड़े पैमाने में EVM में गड़बड़ियों की शिकायतें मिली हैं। इसमें दिलचस्प बात यह है कि बीबीसी हिंदी डॉट कॉम ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है, जबकि हमारा देसी मीडिया खबर को पूरी तरह पी गया। इससे पूर्व हाल ही में यूपी स्थानीय निकाय के चुनावों में भी बड़ी संख्या में EVM में छेड़छाड़ पाई गई थी।
गुजरात विधानसभा के पहले चरण के लिए शनिवार को वोटिंग हुई, जिसमें सूरत और कच्छ-सौराष्ट्र के कई जिलों से बड़ी संख्या में EVM के खराब होने की शिकायतें मिली हैं। इस बार का मामला इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि कुछ EVM मोबाइल फोन के ब्लूटूथ से क्नेक्टिड पाई गई हैं, जबकि EC का दावा रहा है कि EVM किसी भी बाहरी डिवाइस से क्नेक्ट नहीं हो सकती।
गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया ने इस संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत की है। अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि यह बड़ा मामला है और वह इस बात को उठाएंगे। मोढवाडिया पोरबंदर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।
कांग्रेस नेता देवाशीष मोढवाडिया ने विस्तार से बताया कि पोरबंदर विधानसभा क्षेत्र के एक बूथ पर एक युवा ने वोटिंग करते वक्त अपने फोन का ब्लूटूथ चालू किया तो उसमें ईसी 0108 डिवाइस आया। उसने उसका स्क्रीनशॉट ले लिया। उन्होंने आगे बताया कि जामनगर विधानसभा क्षेत्र में भी तीन ईवीएम में ऐसा ही हुआ है।
अर्जुन मोढवाडिया ने चुनाव आयोग से की शिकायत में भी कहा है कि ईवीएम के पास ब्लूटूथ ऑन करके सर्च किया जाए तो ईसी0108 डिवाइस सर्च करता है, लेकिन वो फोन से कनेक्ट नहीं होता है।
इसके अलावा कई विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम खराब होने की शिकायतें पाई गई हैं। सुरेंद्रनगर में कुल 5 ईवीएम मशीनों को खराब पाया गया, जिसकी वजह से मतदान प्रभावित हुआ। वहीं सूरत के स्थानीय पत्रकार मनीष पावला के अनुसार सूरत के शहरी इलाकों में लगभग 70 ईवीएम मशीनों में खराबी की शिकायत की गई है।
कुल मिलाकर कच्छ के 9, भुज में 9, मुंद्रा में 2, रौपड़ और अब्दासा में 1, पोरबंदर में 8, अमरेली, रजौला और सावरकुंडला तालुका में 3-3 मशीनें खराब मिली हैं।
इससे पूर्व हाल ही में यूपी स्थानीय निकाय के चुनावों में भी अनेक ऐसी EVM पाई गई थीं, जिनमें कोई भी बटन दबाओ, वोट भाजपा को ही पड़ता था। यूपी में कुछ सीटों पर EVM से और कुछ जगह बेलेट पेपर से मतदान कराया गया था। आरोप है कि जहां EVM से मतदान हुआ वहां भाजपा की एकतरफा जीत हुई, लेकिन जहां बेलेट पेपर से चुनाव हुए वहां भाजपा के पक्ष में अच्छे नतीजे नहीं आए।