शिमला। सीपीआई-एम के वरिष्ठ नेता एवं शिमला नगर निगम के पूर्व महापौर संजय चौहान ने मांग की है कि करोना आपदा को देखते हुए प्रदेश में बीपीएल और एपीएल सभी परिवारों को डिपुओं से तीन माह का मुफ्त राशन दिया जाए और हर गरीब मजदूर एवं किसान के खाते में तुरन्त 5000 रुपये की राशि डाली जाए ताकि वे इस संकट की घड़ी में अपने परिवारों को जिंदा रख सकें।
संजय चौहान ने शनिवार को इस आशय के एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन को आज दस दिन से ज्यादा समय हो चुका है। जनता अपने घरों तक सीमित हो गई है। इसमें सबसे अधिक गरीब मजदूर, किसान, प्रवासी दिहाड़ीदार एवं अन्य वंचित वर्ग प्रभावित हुए हैं। इनके घरों में रोटी का संकट पैदा हो गया है। सरकार ने इनकी सहायता के लिए जो घोषणाएं की हैं वे नाकाफी हैं।
संजय चौहान ने कहा कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की तरह शिमला शहर में भी हजारों की संख्या में प्रवासी व अन्य मजदूर हैं, जो इस संकट के चलते अपनी रोजी रोटी नहीं कमा पा रहे हैं। अभी तक प्रदेश सरकार इनके लिए कोई भी ठोस राहत पैकेज नहीं दे पाई है। कई परिवार तो ऐसे हैं जिन्हें दो जून की रोटी भी मुश्किल से नसीब हो रही है। यदि सरकार समय रहते कोई ठोस राहत पैकेज लागू नहीं करती है तो ये मजदूर भुखमरी की कगार पर आ जाएंगे।
माकपा नेता ने यह भी कहा कि शहर में कुछ संस्थाएं प्रशासन के दिशा निर्देशानुसार राहत कार्य चला रही हैं, परन्तु हाल ही में इनमें से कुछ संस्थाओं ने प्रशासन पर राहत बांटने के लिए उचित व्यवस्था नहीं करने और कुछ लोगों द्वारा अनावश्यक दखलंदाजी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इन संस्थाओं की शिकायत पर तुरंत कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।