कांगड़ा (देहरागोपीपुर)। परागपुर ब्लॉक में फर्जीवाड़ा कर मनरेगा की 41. 19 लाख रुपये की राशि उड़ा ली गई। विभागीय जांच के बाद इस मामले में अनेक
प्राप्त जानकारी के अनुसार विभागीय जांच में परागपुर ब्लॉक के संबंधित कर्मचारियों के साथ-साथ कई तत्कालीन बीडीओ पर भी जिम्मेदारी तय की गई है। कई बीडीओ के फर्जी हस्ताक्षर करके चेकों के जरिए मनरेगा राशि निकालने के आरोप कुछ कर्मचारियों पर लगे हैं। अनुबंध पर रखे गए एक कर्मचारी को नौकरी से हटा दिया गया है, जबकि दो कर्मचारी जमानत पर चल रहे हैं। जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि घोटाले की राशि को विभागीय नियमों को ताक पर रखकर निकाला गया। करीब 41. 19 लाख रुपये गलत तरीके और चेकों पर कथित तौर पर फर्जी हस्ताक्षर करके निकाले गए। रिपोर्ट में अभियुक्त कर्मचारियों और विभिन्न बीडीओज से करीब 23.70 लाख रुपये की रिकवरी की भी बात कही गई है।
विभागीय जांच रिपोर्ट में घोटाले के समय परागपुर ब्लॉक में रहे पांच बीडीओ, एक अकाउंटेंट, कंप्यूटर ऑपरेटर, सीनियर असिस्टेंट, अधीक्षक और जूनियर अकाउंटेंट को जिम्मेदार ठहराया गया है। लेकिन अभी तक इस मामले में एक ही अनुबंध कर्मचारी विवेक पर गाज गिरी है, जबकि शशी और परमजीत सिंह जमानत पर चल रहे हैं।
पता चला है कि विभागीय जांच की रिपोर्ट पुलिस को भी मिल चुकी है। संबंधित बैंक से भी बाउचर लिए जा चुके हैं। शक के दायरे में आए बाउचर और चेकों पर किए हस्ताक्षरों को मिलान के लिए शीघ्र ही हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा जा सकता है। इस बारे में डीएसपी देहरा बीडी भाटिया ने बताया कि पुलिस के पास परागपुर ब्लॉक की मनरेगा घोटाले से संबंधित विभागीय जांच रिपोर्ट मिल गई है। पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर तफ्तीश में जुटी हुई है।