शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का शनिवार को जिला शिमला के रामपुर बुशैहर स्थित उनके पैतृक स्थान पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने गत 8 जुलाई को प्रातः शिमला के आईजीएमसी में अंतिम सांस ली थी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, वन मंत्री राकेश पठानिया, भाजपा एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित समाज के विभिन्न वर्गों के हजारों लोगों ने वीरभद्र सिंह की अंतिम यात्रा में भाग लिया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वीरभद्र सिंह के विधायक पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने दिवंगत को मुखाग्नि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने अपने 60 वर्षों से अधिक लम्बे राजनीतिक जीवन में हिमाचल प्रदेश के विकास और राज्य के लोगों के कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने छह बार मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश का नेतृत्व किया और कई बार केन्द्रीय मंत्री के रूप में भी अपनी बहुमूल्य सेवाएं दीं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह के दिए योगदान को राज्य के लोग सदैव याद रखेंगे।
वीरभद्र सिंह को पिछले दिनों दो बार कोरोना भी हुआ था तथा दोनों ही बार गंभीर हालत होने के बावजूद वे स्वस्थ होने में कामयाब रहे। हाल ही में अचानक उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई और उन्हें शिमला के आईजीएमसी में दाखिला कराना पड़ा। वहां गत 8 जुलाई की प्रातः उन्होंने अंतिम सांस ली।