लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ‘किसान कर्जमाफी स्कीम’ के प्रचार- प्रसार पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद सरकार ने किसानों की कर्ज माफी की जो सूची जारी की है, उसे देख कर सभी भौंचक्के रह गए। सैकड़ों किसानों की कर्जमाफी रुपयों में नहीं, बल्कि पैसों में हुई है। कुछ किसानों की तो मात्र 8 पैसे, 9 पैसे, 22 पैसे, 25 पैसे की कर्ज माफी हुई है। माकपा से जुड़ी अखिल भारतीय किसान महासभा ने इसे किसानों के साथ क्रूर मजाक करार देते हुए बड़ा आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है।
बिजनौर में नगीना के किसान बलिया के 9 पैसे, बास्टा के चरन सिंह के 84 पैसे, आंकू के रामधन के 2 रुपये, अफजलगढ़ के भागेश के 6 रुपये, भंडवार के हीरा के 3 रुपये, नजीबाबाद चौक की जसवंती के 21 रुपये, किरतपुर के दयाराम के 91 रुपये 52 पैसे, नहटौर की पदमादेवी के 115 रुपये, धामपुर के बलजीत सिंह के 126 रुपये, किरतपुर के दौलत सिंह के 377 रुपये माफ हुए हैं।
बिजनौर में 14,188 किसानों का कर्ज माफ होना है। पहले फेज में 5,026 किसानों को ऋण माफी के सर्टिफिकेट दिए गए। इनमें अपवाद के रूप में 114 किसानों का एक- एक लाख तक का कर्ज जरूर माफ हुआ। एक किसान ने 60 हजार का कर्ज लिया था, लेकिन सर्टिफिकेट में सिर्फ 38 रुपये ही माफ हैं। एक हजार से कम कर्ज माफ वाले किसानों की तादाद करीब 23 है। इनमें 9 पैसे से लेकर 377 रुपये तक का कर्ज माफी वाले किसान शामिल हैं।
वेस्ट यूपी के जिला बागपत में किसान इनामुद्दीन की कैनारा बैंक शाखा पुसार अड्डा में आठ पैसे की ऋण माफी हुई है। इसी प्रकार लुहारा के किसान सत्यपाल के 12 रुपये, कांठा के धीरज के 14.38 रुपये, फैजपुर किनाना के तेजपाल सिंह के 108 रुपये, हिसावदा के सौराज सिंह के 156 रुपये 61 पैसे, नैथला के महेश के 20 रुपये 66 पैसे, पाली के तेजपाल से 959 रुपये माफ किए गए। इसी तरह सुरेश पाल के सिंडीकेट बैंक अकाउंट में छह रुपये, हेवा गांव के बालौर सिंह के 9 रुपये, सत्यपाल के 12 रुपये कर्ज माफ हुआ है। यहां 50 रुपये तक का कर्ज माफ होने वाले करीब 22 किसान हैं।
जानकारों के अनुसार पूरे प्रदेश में अब तक जारी सूची के अनुसार मात्र पैसों में कर्ज माफी का लाभ लेने वाले किसानों की संख्या सैकड़ों में हैं।
अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव एवं पूर्व सांसद हन्नान मोल्लाह और उपाध्यक्ष एनके शुक्ल ने शुक्रवार को यहां मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ क्रूर मजाक कर रही है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषकों की बदतर होती जा रही स्थिति को देखते हुए 18 सितम्बर को यहां अखिल भारतीय सम्मलेन आयोजित किया जायेगा, जिसके जरिए ‘जन एकता-जन अधिकार’ आन्दोलन की शुरुआत की जाएगी। सम्मलेन में करीब सौ जन संगठन शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों को कर्ज माफी के नाम पर 8 पैसे से लेकर 20- 30 रुपये तक का लाभ दिया गया है, जो उनके साथ एक क्रूर मजाक है। इस तरह कर्ज माफी से किसानों को क्या फायदा होगा, यह बात समझ से परे है।