मंडी। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक मंडी में काफी गहमागहमी भरे माहौल में शुरू हुई। कार्यक्रम की सारी
वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार और जगत प्रकाश नड्डा बैठक में नहीं पहुंचे, लेकिन इस बारे में तुरंत मीडिया से स्पष्ट कर दिया गया कि उन्होंने इसकी बाकायदा सूचना दी थी और वे अगले सत्रों में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। असंतुष्ट विधायक खुशीराम बालनाटाह के बारे में सबको पता था कि वो नहीं आएंगे और ऐसा ही हुआ। संगठन के लिए संतोष की बात यह रही कि शांता समर्थक असंतुष्ट मंत्री किशन कपूर और रमेश चंद धवाला तथा विधायक प्रवीण शर्मा और कैप्टन आत्माराम बैठक में मौजूद थे। हालांकि बैठक में वे बैक बैंचर ही बने रहे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सती की अध्यक्षता में शुरू हुई इस बैठक में प्रदेश प्रभारी कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल, सहप्रभारी श्याम जाजू, राष्ट्रीय संगठन मंत्री राम लाल, भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर, मंत्रीगण, विधायक, पूर्व विधायक, कार्यसमिति पदाधिकारियों एवं सदस्यों समेत लगभग सवा दौ सौ प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। बैठक के पहले दिन प्रस्ताव पारित कर विधानसभा चुनावों के लिए एक रोड मैप तैयार किया गया और ‘मिशन रिपीट’की कामयाबी के लिए चुनावी मुुद्दे सूचीबद्ध किए गए। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा और प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने बताया कि चुनाव में प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को भुनाने के तरीकों पर गहन चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ किया है। कार्यकर्ताओं के माध्यम से ये उपलब्धियां लोगों तक पहुंचाई जाएंगी। यह भी निर्णय लिया गया कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों एवं उसके प्रदेश के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये से आम जनता को अवगत कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने बाद में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ”इन दिनों वीरभद्र सिंह जिस तरह की बातें कर रहे हैं, उससे लगता है कि उनकी यादाश्त चली गई है। विवादित सीडी कांग्रेस के ही एक मंत्री ने जारी की, लेकिन वीरभद्र सिंह इसे भाजपा की साजिश बता रहे हैं। सीडी प्रकरण की जांच के लिए कभी वो सीबीआई जांच की मांग ठुकराते हैं तो कभी सीबीआई जांच की मांग करते हैं। वीरभद्र सिंह बद्दी में टूलरूम का शिलान्यास कर गए और अब कहते हैं कि प्रदेश सरकार उसके लिए जगह नहीं दे रही।”
वीरभद्र सिंह द्वारा दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त से मिल कर जल्दी चुनाव करवाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरभद्र सिंह जब भी चुनाव आयोग से झगड़ते हैं तो कांग्रेस की हार ही होती है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। जब भी चुनाव की घोषणा होगी, उसका स्वागत किया जाएगा। भाजपा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
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