शिमला। दिल्ली में 24 नवंबर को प्रस्तावित किसान रैली की तैयारियों के सिलसिले में उत्तरी भारत के किसान संघर्ष जत्थे के हिमाचल में जनजागरण अभियान ने जोर पकड़ लिया है। विभिन्न जानेमाने किसान नेताओं के नेतृत्व में जत्थे ने मंगलवार को कांगड़ा जिले के पालमपुर में जलूस निकाला और गांधी चैक पर नुक्कड़ सभा का आयोजन किया। जत्थे में अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सीकर राजस्थान के पूर्व विधायक अमराराम, किसान नेता छगनलाल, हिमाचल किसान सभा के पूर्व सचिव डॉ. ओंकार शाद, कुल्लू के जिलाध्यक्ष होत्तम सोंखला, कांगड़ा से किसान नेता रविन्द्र और सतपाल, शिमला के कोषाध्यक्ष जयशिव ठाकुर सहित हरियाणा और राजस्थान के किसान नेता शामिल रहे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अमराराम ने अपने संबोधन में कहा कि केन्द्र की किसान विरोधी नीतियों की वजह से किसानों की आत्महत्या का औसत हर दिन 50 तक पहुंच गया है। केन्द्र बड़े कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन लाने की फिराक में है, जिसमें किसानों की मर्ज़ी के बगैर भी उनकी भूमि का अधिग्रहण किया जा सकेगा। औद्योगिक कोरिडोर, स्मार्ट सिटीज़ और खनन के नाम पर लाखों एकड़ ज़मीन के अधिग्रहण करने साजिश रची जा रही है। मनरेगा में 100 दिन का काम सिमट कर 35-39 दिन का रह गया है।
हिमाचल किसान सभा के पूर्व राज्य सचिव डॉ. ओंकार शाद ने कहा कि मोदी जब-जब भी हिमाचल में आए प्रदेश के किसानों से झूठे वायदे करके चले गए। मोदी के हाल ही के दौरे में चुनाव से पहले के वादे दोहराए गए, जिनमें से अभी किसी पर भी कोई प्रगति नहीं हुई है। प्रदेश में कृषि और बागवानी आधारित उद्योग लगाने की बात कोरा आश्वासन बन कर रह गई। डॉ. शाद ने कहा कि प्रदेश में 86 प्रतिशत किसान लघु और सीमांन्त किसानों की श्रेणी में आ चुके हैं और ज़मीन बहुत ही कम रह गई है। उन्होंने गरीब और सीमान्त किसानों को 5 बीघा ज़मीन देने की मांग की। डॉ. शाद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रदेश के किसानों से डॉ. स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने का वायदा भी किया था, लेकिन सत्ता में आते ही केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके कहा कि सरकार आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं कर सकती। यह किसानों के साथ सरासर धोखा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इस किसान विरोधी रुख के खिलाफ 24 नवम्बर को दिल्ली में लाखों किसान प्रदर्शन करेंगे, जिसमें हिमाचल से भी बड़ी संख्या में किसान भाग लेंगे।