कुल्लू। हिमाचल हाईकोर्ट ने कुल्लू के कसोल में चल रहे 44 होटलों को बंद करने के आदेश दिए हैं। ये होटल वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। इनके बिजली व पानी के क्नैक्शन तुरंत प्रभाव से काट दिए जाएंगे। अदालत ने कुल्लू के उपायुक्त को यह कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अधीक्षक की भी मदद लेने को कहा है।
हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने कसोल में हुए अन्य अवैध निर्माणों को भी तुरंत प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि कसोल गांव में कानून के विपरीत कार्य कर रहे किसी भी संस्थान को चलाने की अनुमति न दी जाए। इस मामले में सुनवाई अब 11 जनवरी को होगी। एक जांच रिपोर्ट के अनुसार कसोल में चल रहे कुल 60 में से 44 होटलों को पर्यटन विभाग की ओर से भी कोई अनुमति नहीं मिली हुई है।
1700 होटलों की जांचः उधर, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कुल्लू व मनाली में 1700 से अधिक होटलों, लॉज और ठहरने के स्थानों की जांच के लिए वीरवार को एक समिति का गठन किया है। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व वाली इस कमेटी में प्रदेश के पर्यटन विभाग सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शिमला स्थित इंस्टीच्यूट ऑफ हिमालयन स्टडीज के वैज्ञानिकों को शामिल किया गया है। यह समिति जांच करेगी कि इन क्षेत्रों में होटल व लॉज सही मानकों पर चल रहे हैं या नहीं।
जानकारों के अनुसार कुल्लू व मनाली में 500 से अधिक होटल व लॉज तय मानकों की अवहेलना करते हुए चल रहे हैं। इनमें कुछ राजनेताओं और अन्य प्रभावशाली लोगों के होटल भी शामिल है। बड़ी संख्या में होटल सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं।