उपचुनाव में दिलचस्प बात यह रही कि दोनों ही दलों के प्रत्याशी दिवंगत विधायकों के प्रति सहानुभूति का लाभ लेने में विफल रहे। नालागढ़ में भाजपा ने स्व. हरिनारायण सैणी की पत्नी गुरनाम कौर और रेणुका में स्व. प्रेम सिंह के पुत्र विनय कुमार को टिकट दिया था, लेकिन दोनों ही दल दिवंगत विधायकों के परिजनों को मिलने वाली सहानुभूति का लाभ उठाने में विफल रहे।
नालागढ़ में भाजपा प्रत्याशी गुरनाम कौर को 27,200 और लखविंदर राणा को 28,799 मत मिले, जबकि रेणुका में भाजपा के हृदय राम को 20,804 और कांग्रेस के विनय कुमार को 17, 218 वोट मिले। उल्लेखनीय है कि नालागढ़ को भाजपा और रेणुका को कांग्रेस का परंपरागत गढ़ माना जाता रहा है। नालागढ़ में भाजपा पिछले तीन चुनावों से जीतती आ रही थी तो रेणुका सीट पर पिछले लगभग तीन दशकों से कांग्रेस का कब्जा था।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गणेश दत्त का कहना है, ”बीजेपी नालागढ़ सीट को अति आत्मविश्वास के कारण खो बैठी। रेणुका सीट कांग्रेस का गढ़ थी, लेकिन 29 साल बाद बीजेपी ने वहां जीत दर्ज की है। रेणुका के लोगों ने धूमल सरकार के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की है।”
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव एवं मीडिया सेल के प्रभारी कुलदीप राठौर ने कहा, ”भाजपा ने साम दाम दंड भेद का प्रयोग करके रेणुका सीट जीती है। नालागढ़ में कांग्रेस की जीत सत्ता परिवर्तन का संकेत है।”
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