धर्मशाला। बहुचर्चित धर्मशाला कालेज प्रकरण में अंततः छह दिन बाद जनता ने राहत की सांस ली। बकौल पुलिस
हालांकि पुलिस अधीक्षक सवालों का जवाब देने में मीडिया को संतुष्ट नहीं कर पाए और शायद इसी कारण छात्र संगठन विद्यार्थी परिषद ने पुलिस प्रशासन पर मामले में दबाव की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए अपना आंदोलन जारी रखने की घोषणा की है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इस प्रकरण में उभरा जनाक्रोश अब धीरे-धीरे शांत हो जाएगा।
कुछ ऐसे प्रश्न जिनका जवाब अभी आना बाकी है वे हैं- सहेली के साथ गैंगरेप की शिकायत करने वाली महिला स्थानीय ही थी तो उसे पकड़ने में पुलिस को छह दिन क्यों लग गए? यह महिला और गैंगरेप का शिकार बताई गई लड़की को पत्रकारों के सामने क्यों पेश नहीं किया गया? क्या लड़की का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा? और सबसे बड़ा प्रश्न यह कि इस तथाकथित फर्जी कहानी को गढ़ने के पीछे महिला और लड़की की मंशा क्या थी ?
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने धर्मशाला प्रकरण को फर्जी करार देते हुए आशंका व्यक्त की है कि यह कुछ लोगों को बदनाम करने की साजिश हो सकती है तथा उन्होंने इसके लिए विद्यार्थी परिषद का नाम लेकर भी संदेह जताया। पुलिस भी इसी बात को आगे बढ़ा रही है, लेकिन यह नहीं समझा पा रही है कि कोई झूठमूठ स्वयं को गैंगरेप पीड़िता के रूप में प्रचारित कर किसी को क्या बदनाम कर सकता है। पुलिस के अनुसार महिला ने बयान दिया है कि उसे उसकी सहेली ने कहा था कि वो प्रिंसीपल के पास जाकर इस तरह का प्रचार करे कि उसकी सहेली के साथ चार लड़कों ने गैंगरेप किया था। क्या हिमाचल प्रदेश में अब तरह के भी हंसी मजाक होने लगे हैं?
धर्मशाला में गत 15 मई को एक महिला के बयान के आधार पर खबर फैली कि किन्हीं हाईप्रोफाइल घरानों के चार लड़कों ने कालेज की एक लड़की के साथ सामुहिक बलात्कार किया है, लेकिन न प्रिंसीपल और न ही पुलिस इस मामले में कोई सुनवाई कर रही है। सोशल मीडिया में खबर तुरंत वायरल हो गई और जब धरना प्रदर्शन भी शुरू हो गए तो 20 मई को पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की और जांच के लिए एक एसआईटी भी गठित की। बुधवार दोपहर धर्मशाला पुलिस ने शिकायतकर्ता महिला को हिरासत में लेकर एसआईटी के समक्ष पेश किया और उसके बयान दर्ज किए। पुलिस ने पीड़ित बताई जा रही लड़की और उसके परिजनों के बयान लेने की भी बात की है। पुलिस ने यह भी कहा है कि कालेज के सीसी टीवी कैमरे की फुटेज में शिकायतकर्ता महिला नजर नहीं आ रही है। फुटेज का काफी हिस्सा ब्लैंक पाया गया है। इसलिए कैमरे की फोरेंसिक जांच भी कराई जाएगी। मामले की पूरी जांच होने के बाद शायद पत्रकारों को उनके शेष प्रश्नों के उत्तर भी मिल जाएंगे।