Advertising

Categories: राजनीति

सीबीआई रेडः विरोधियों को क्यों सूंघ गया सांप?

शिमला। राजनीति वास्तव में ही हवाओं को बांधने का खेल है। अभी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह

Advertisement
के खिलाफ हुई सीबीआई छापामारी पर बल्लियों उछलने वाली भाजपा को अगले ही दिन रक्षात्मक मुद्रा में आना पड़ गया। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने धमकी दी है कि- “पीएम मोदी के पुतले फूंकने पर भाजपा कोर्ट में जाएगी।” उधर भी एकाएक ऐसा क्या हो गया जो पार्टी में धुर विरोधी धड़े चुपचाप वीरभद्र सिंह के साथ खड़े हो गए? ऐसा भी नहीं कि इस बीच वीरभद्र सिंह को कहीं से क्लीन चिट मिल गई हो।

सीबीआई ने गत शनिवार को ठीक उसी दिन छापेमारी की जिस दिन वीरभद्र सिंह के घर बेटी की शादी चल रही थी। ठीक उसी दिन केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने भी वीरभद्र सिंह को दिल्ली में वह बंगला खाली करने के लिए नोटिस जारी किया, जो उन्हें इस्पात मंत्री रहते अलाट किया गया था। चाहे लाख समझाने की कोशिश हुई कि यह मात्र संयोगवश हुआ है, लेकिन इसे अस्वीकारते हुए चर्चाओं ने अलग मोड़ ले लिया, जिसमें इस घटनाक्रम को धूमल– वीरभद्र की निजी रंजिश का परिणाम माना जाने लगा है। इसकी निंदा पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी की और प्रशांत भूषण ने भी। कांग्रेसियों ने इसी बात को हवा देते हुये जगह-जगह पीएम मोदी के पुतले फूंके और प्रचार किया कि निर्दोष वीरभद्र सिंह को बेवजह जलील करने के लिए ही धूमल के कहने पर पीएम मोदी सीबीआई का दुरुपयोग कर रहे हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने इसका जवाब यह कहते हुए दिया, कांग्रेसी याद करें, उन्होंने भी आधी रात को क्रिकेट स्टेडियम में ताले जड़वा दिए थे।

इसी बीच भाजपा में यह भय घर करता जा रहा है कि छापामारी में यदि वास्तव में ही सीबीआई के हाथ कुछ भी ठोस नहीं लगा होगा तो बयार उलटी बह सकती है। इससे प्रदेश में वीरभद्र सिंह के प्रति सहानुभूति की हवा भी बन सकती है। संभवतः इसी कारण भाजपा के एक धड़े ने इस दौरान चुप्पी सी साध ली है और तीखी बयानबाजी से परहेज किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि सीबीआई तथाकथित मनीलांड्रिंग के इस मामले में पहले भी जांच कर चुकी है और उस समय उसके हाथ कुछ भी खास नहीं लगा था।

अब बात कांग्रेसी धड़ेबंदी की। सीबीआई केस के चलते इस बार वीरभद्र सिंह सरकार बनने से लेकर ही दलगत विरोधी मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए उंगलियों पर दिन गिन रहे थे । इस दौरान हाईकमान से लेकर राज्य संगठन तक खूब जोड़-घटाव चलते रहे। …और एकाएक लगा भी कि वह घड़ी शायद आ चुकी है। छापेमारी के दिन भी उनकी तल्खियां और विजयी मुस्कान सभी ने नोट कीं। लेकिन फिर ऐसा क्या हो गया कि अगले ही दिन सभी धड़ेबंद शांत हो गए? कांग्रेस हाईकमान के आंख की किरकिरी होने के बावजूद वीरभद्र सिंह के खिलाफ अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, जिसे बड़े राजनीतिक धमाके की संज्ञा दी जा सके और जिसके पहले बढ़चढ़ कर दावे किए जाते थे। कहीं ऐसा तो नहीं कि यहां भी उन्हें यह लग रहा हो कि ऐसे संवेदनशील समय में वीरभद्र सिंह को परेशान करना संगठन के लिए भारी न पड़ जाए। अब नए सिरे से हवाओं को बांधने में कुछ तो समय चाहिए ही..। और कितना समय…? करीब तीन वर्ष का तो कट ही चुका है, मात्र दो वर्ष का शेष है।

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

Recent Posts

पं नेहरू के प्रति मेरे मन में पूरा सम्मानः शांता कुमार

धर्मशाला। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा है कि पालमपुर नगर… Read More

6 months ago

मणिकर्ण में आग लगने से दो मंजिला मकान जलकर राख

कुल्लू। जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के गांव सरानाहुली में बुधवार रात को दो मंजिला… Read More

6 months ago

फासीवाद बनाम प्रगतिशील

फासीवाद और प्रगतिशील दोनों विपरीत विचारधाराएं हैं। एक घोर संकीर्णवादी है तो दूसरी समाज में… Read More

6 months ago

वाईब्रेंट विलेज नमग्या पहुंचे राज्यपाल, स्थानीय संस्कृति एवं आतिथ्य की सराहना की

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत किन्नौर जिला के सीमावर्ती… Read More

8 months ago

दुग्ध उत्पादकों के लिए जुमलेबाज ही साबित हुई सुक्खू सरकार

रामपुर। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान 80 व 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से… Read More

11 months ago

खुलासाः मानव भारती विवि ने ही बनाई थीं हजारों फर्जी डिग्रियां

शिमला। मानव भारती निजी विश्वविद्यालय के नाम से जारी हुई फर्जी डिग्रियों में इसी विवि… Read More

11 months ago
Advertisement