नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वीरवार को ‘मोदी सरकार’ का पहला आम बजट पेश किया है। बजट में टैक्स रेट में
इसके अतिरिक्त बजट में भविष्य निवेश निधि एक लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये करने, घरेलू निवेश को बढ़ावा देने के लिए 80सी के तहत छूट सीमा को एक लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख करने और आवासीय ऋण के ब्याज पर टैक्स कटौती सीमा बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है। तीन फीसदी एजुकेशन सेस जारी रहेगा। बजट अनुमानों के अनुसार आयकर और निवेश निधि से संबंधित कर प्रस्तावों के कारण सरकार को 22,000 करोड़ का घाटा होने की उम्मीद है।
सरकार ने बजट में एक बड़ा फैसला लेते हुए रक्षा और बीमा क्षेत्र में एफडीआई को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत कर दिया। रक्षा क्षेत्र के लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष में 2 लाख 29 हज़ार करोड़ का प्रावधान रखा गया है, जबकि वित्त मंत्री ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ के लिए एक हजार करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 14,389 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। गंगा की सफाई के लिए 2037 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और इसके लिए एक एनआरआई फंड बनाने की भी घोषणा की है। चार नए एम्स, 5 नए आईआईटी, 5 नए आईआईएम, 12 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएँगे। इनके लिए 500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
छोटे और मीडियम उद्योगों के लिए एमएसएमई-दोबारा परिभाषित होगा। इस क्षेत्र के लिए 10,000 करोड़ रुपये का फंड रखा जाएगा। गांवों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मुहैया कराने की भी बात कही गई है। कश्मीरी विस्थापितों के लिए पाँच सौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है।
बजट में पूर्वोत्तर के लिए ‘अरुण प्रभा’ नाम से 24 घंटे के टीवी चैनल का प्रस्ताव है तथा राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए बजट में 37 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं और इसमें पूर्वोत्तर के इलाकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। गैस ग्रिड स्थापित करने के लिए पीपीपी के तहत 15000 किलोमीटर की अतिरिक्त गैस पाइपलाइनें बिछाई जाएंगी।
बीस लाख की आबादी वाले शहरों में मेट्रो योजना शुरू करेंगे.। नाबार्ड के माध्यम से पाँच लाख भूमिहीन किसान समूहों को आर्थिक सहायता दी जाएगी और इस साल किसान टीवी लॉन्च किया जाएगा।
देश भर में मोबाइल मिट्टी परीक्षण केंद्र खोले जाएंगे। 2014-15 के दौरान कृषि ऋण के लिए आठ लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है। अनुसूचित जाति के उद्यमी आगे आएं इसके लिए 200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मदरसों के नवनीकरण के लिए 100 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। प्रॉविडेंट फंड खातों की पोर्टेबिलिटी के लिए एकीकृत खाता योजना शुरू की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार देने के लिए मनरेगा को जारी रखा जाएगा।
जेटली ने 100 ‘स्मार्ट सिटी’ बनाने के लिए 7060 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है। टैक्स संबंधी मुक़दमों के निपटारे के लिए डिजिटल बेंच बनेंगी। वर्ष 2022 तक सबके लिए घर देने का लक्ष्य रखा गया है। चार हज़ार करोड़ रुपये के ज़रिए खासतौर पर युवाओं के लिए एलआईजी सेक्टर में सस्ते लोन और घर मुहैया कराए जाएँगे।
क्या महंगा होगाः विदेशी इलेक्ट्रॉनिक सामान, बॉक्साइट, विदेशी सामान, सिगरेट, गुटखा, रेडीमेड कपड़े, कोल्ड ड्रिंक, पान मसाला, बोतल बंद जूस, तंबाकू, कॉस्मेटिक और सिगार।
क्या होगा सस्ताः साबुन, छोटे टीवी, एलसीडी/एलईडी, स्टील, कंप्यूटर, जूते, कीमती पत्थर, तेल से बने उत्पाद, सौर ऊर्जा से संबंधित मशीनें और पवन ऊर्जा से संबंधित मशीनें।
जेटली का बजट ‘यूपीए–3′ के बजट जैसाः बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए विख्यात अर्थशास्त्री डॉ. भरत झुनझुनवाला का कहना था, ‘‘नरेंद्र मोदी सरकार से आशा थी कि वो अर्थव्यवस्था को एक नया रास्ता दिखाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अरुण जेटली का बजट ‘यूपीए–3’ के बजट जैसा दिख रहा है। कुछ चीज़ें अच्छी हैं बजट में, उसके लिए मैं उनका स्वागत करता हूं, लेकिन जिन बड़े कदमों के उठाए जाने की उम्मीद थी वो नहीं हुआ। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने सबसे बड़ा जो अवसर खोया है वो है नई नौकरियां पैदा करने का। सरकार का विज़न हो सकता है कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में सुधार होगा वैसे-वैसे नौकरियां पैदा होंगी, लेकिन ऐसा असल में होने नहीं वाला।’’
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