कुल्लू। कुल्लू की अनेक जल विद्युत परियोजनाएं आज देश भर में न जाने कितने ही शहरों को रौशन कर रही हैं, लेकिन
कुल्लू जिला में तीर्थन घाटी के गुशैणी में स्थित शुंगचा व बारऊली गांवों के करीब सौ परिवार आज भी दीये और लालटेन के सहारे गुजर-बसर कर रहे हैं। विद्युत बोर्ड ने कुछ वर्ष पूर्व इस क्षेत्र में बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य भी शुरू किया था, लेकिन बाद में काम आधा अधूरा ही छोड़ दिया गया। ग्रामीण स्वयं को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं।
शुंगचा व बारऊली गांवों के वासियों- राम सिंह, नारायण सिंह, रोशन लाल, बिंयसू राम, टिक्कम राम, मान सिंह, तारा चंद, भूपेंद्र सिंह, बिमला देवी, कलू देवी, कृष्णा देवी, तेज राम, हीरा सिंह, डाबे राम, तिलक राज, जोगिंद्र और मोहर सिंह आदि ने मीडिया को बताया कि उन्होंने बिजली की व्यवस्था के लिए कई बार विधायकों और प्रशासन के समक्ष अपना रोना रोया, लेकिन किसी पर भी कोई असर नहीं हुआ। कई बार ‘प्रशासन जनता के द्वार’ कार्यक्रमों में भी उन्होंने अपनी पीड़ा प्रशासन ध्यान में लाई। ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल विधायक से भी मिला, लेकिन उनकी समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र उनके गांवों में बिजली की सुविधा नहीं दी गई तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
उधर, पत्रकारों ने विद्युत बोर्ड के अधिशाषी अभियंता हरेंद्र ठाकुर से बात की तो उनका कहना था कि शुगचां गांव में बिजली की तारें डालने का कार्य जारी है, दूसरे गांव में भी जल्द बिजली की आपूर्ति दी जाएगी।