देहरादून। ग्राम्य देवी-देवता पहाड़ी संस्कृति का अटूट अंग हैं। ग्रामीण हर कठिन परिस्थितियों में अपने ईष्ट देवी देवताओं की शरण में चले जाते हैं और उसके बाद स्वयं को काफी राहत भरा महसूस करते हैं। ग्रामीणों में आपसी झगड़ों के समय ये देवी-देवता अक्सर न्यायाधीश का भी काम करते हैं। लोगों की मान्यता है कि गलत काम करने वालों को ये देवी -देवता अपने तरीके से दंडित करते हैं, जिस कारण लोगों में इनका एक भय भी बना रहता है और वे गलत काम करने से परहेज करते हैं।
Advertisement
अब चंपावत जिले में डुंगरासेठी (चक्कू) गांव के वासियों को ही ले लीजिए। इन लोगों ने कड़ी मेहनत से गांव में बांज का जंगल तैयार किया है। उन्हें इस जंगल से इतना प्यार है कि वे इसकी रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। जंगल में पौधे बड़े हो जाने पर ग्रामीणों को इसकी सुरक्षा की चिंता सताने लगी तो उन्होंने इसकी सुरक्षा का जिम्मा विधि विधान के साथ मां भगवती और ग्राम देवता श्यामराजा बाबा को सौंप दिया।
चंपावत जिले में स्थित डुंगरासेठी (चक्कू) गांव के लोगों ने गत दिवस यह जंगल धार्मिक अनुष्ठान के साथ अगले दस वर्षों के लिए मां भगवती और ग्राम देवता श्यामराजा बाबा को अर्पित कर दिया। इसी दिन से जंगल में पेड़ों और पत्तियों का कटान प्रतिबंधित कर दिया गया है। लोगों का विश्वास है कि जो व्यक्ति जंगल को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेगा, उसे मां भगवती और श्यामराजा बाबा दंडित करेंगे।
डुंगरासेठी गांव के लोगों ने अपनी मेहनत से गांव की सीमा पर बांज का एक खूबसूरत जंगल विकसित किया है। जंगल में असंख्य पेड़ तैयार हो चुके हैं। इस बीच कुछ लोग चोरी छिपे जंगल को नुकसान पहुंचाने लगे थे। इस बात से चिंतित गांव के लोगों ने एक बैठक की और सर्वसम्मति से फैसला लिया कि जंगल को सुरक्षा के लिए देवताओं को अर्पित किया जाए। गत दिवस इसके लिए बाकायदा धार्मिक अनुष्ठान किया गया। फैसला लिया गया कि जंगल को वर्ष में एक बार खोला जाएगा। उस समय लोगों को सूखी पत्तियां और लकडिय़ां समेटने का अवसर दिया जाएगा।
गांव के लोगों ने जंगल के आसपास हो रहे अतिक्रमण को भी राजस्व पुलिस के सहयोग से हटा दिया है। उन्होंने संकल्प लिया कि जंगल को विकसित करने के लिए लगातार प्रयास जारी रहेंगे। समय-समय पर पौधरोपण भी किया जाएगा। धार्मिक अनुष्ठान के समय पंचायत प्रधान पुष्पा टम्टा, सदस्य बसंती सामंत, नारायण राम टम्टा, गोविंद सामंत, डुंगर सिंह, प्रकाश सिंह, दीपक सिंह, पूर्व प्रधान मोहन सिंह, शंकर दत्त पुनेठा, पुष्कर चौधरी, ईश्वर चौधरी, देव सिंह, अमर सिंह, हरीश चौधरी, लक्ष्मण सिंह, अजय सिंह, दिनेश सिंह, सोबन सिंह, धरम सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। ग्रामीणों के इस कार्य की दूर-दूर तक चर्चा हो रही है।