रामपुर बुशहर। संसदीय चुनाव के दौर में देश के प्रथम मतदाता रहे श्यामसरण नेगी का उत्साह देखते ही बनता है।
श्यामसरण नेगी ने लोकतंत्र के पर्व चुनाव की प्रक्रिया में आए बदलावों को काफी गहराई से महसूस किया है। मीडिया से बातचीत करते हुए वे बताते हैं कि एक समय वह भी था जब गांव के अनपढ़ लोगों को मतदान करना तक नहीं आता था। कांग्रेस के लोग उन्हें बताते थे कि हाथ पर मुहर लगाना। लोग चुनाव चिन्ह हाथ पर मुहर लगाने के लिए घर से निकलते थे और मतदान केंद्र में जाकर अकसर अपने हाथ पर ही मुहर लगाते लौट आते। खासकर महिलाओं को वोट डालने के बारे में समझाना तो बहुत ही मुश्किल काम होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। लोग शिक्षित हो गए हैं और अपने अधिकारों के प्रति जागरुक भी। अब तो मतदान के लिए आयु भी 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई है। अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें हैं, जबकि पहले हर प्रत्याशी का अलग बक्सा होता था, और परचे भी अलग- अलग मिलते थे।
श्याम सरण नेगी की नजर में अटल बिहारी भाजपाई और हिमाचल के प्रथम भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी स्वर्गीय ठाकुर सेन नेगी अच्छे राजनीतिज्ञ रहे। मोदी के बारे में उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रित्वकाल में गुजरात में अच्छा विकास हुआ है। श्यामसरण नेगी कहते हैं चुनावों में धन खर्च होना तो स्वाभाविक है, लेकिन अज प्रत्याशी जिस तरह पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं, यह सही नहीं है।
श्याम सरण नेगी अंग्रेजों के शासनकाल में वर्ष 1939 से सात वर्ष तक वन रक्षक रहे। वे बताते हैं कि उस समय वनों की सुरक्षा के लिए बबहुत सख्ती बरती जाती थी। अधिकारी सबसे पहले यही पूछते थे कौन से जंगल के इंचार्ज हो… जंगल के बाहर बुर्जियां ठीक लगी हैं या नहीं…। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। लोगों ने मनमाने ढंग से जंगल काटे और शामलात भूमि साधन संपन लोगों के कब्जे में गई है। गरीब वहीं का वहीं है, उन्हें जो जमीन मिलनी थी वह नहीं मिली। भ्रष्टाचार ने बहुत गहराई तक अपनी जड़ें जमा दी हैं। इस स्थिति में गरीबों के साथ न्याय की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बारे पूछे जाने पर उनका कहना था कि दो बड़े दलों को लोग देख चुके हैं। नए लोग कैसे आते हैं.. देश को उठाते हैं या बर्बाद करते हैं, यह समय ही बताएगा।