धर्मशाला। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत जल रक्षकों को वेतन देना बंद कर दिया गया। जल रक्षकों की ड्यूटी चार
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करते हुए हिमाचल पीडब्ल्यूडी एंड आईपीएच वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष सीता राम सैणी ने बताया कि आइपीएच विभाग में कार्यरत जलरक्षकों को पिछले नौ माह से वेतन नहीं मिला है, जिस कारण उनके घरों में भुखमरी की स्थिति बन गई है। सैणी ने बताया कि जलरक्षकों की ड्यूटी 4 घंटे निर्धारित की गई है, लेकिन उनसे पूरा दिन काम लिया जा रहा है। इसके एवज में उन्हें मात्र 1350 रुपये मासिक वेतन दिया जाता है, वह भी पिछले नौ माह से उन्हें नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार अमानवीयता की सभी हदें लांघती जा रही है, जिसे अब और सहन नहीं किया जा सकता।
आंदोलनकारियों का कहना था कि उन्होंने अपनी शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से लेकर मंत्री स्तर तक पहुंचाई, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उन्हें शीघ्र वेतन नहीं दिया गया तो प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ दिया जाएगा। आंदोलनकारियों ने बाद में उपायुक्त कार्यालय तक रैली भी निकाली।
इस दौरान हिमाचल पीडब्ल्यूडी एंड आईपीएच वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष रमेश सैणी, वाटर गार्ड यूनियन के अध्यक्ष भूपिंद्र चंदेल, जिलाध्यक्ष हरनाम सिंह, कांगड़ा ब्लॉक के अध्यक्ष जीवन कुमार और सचिव अजय कुमार भी मौजूद थे।
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