पटना। बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले के एक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया गया है। रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को लालू प्रसाद यादव सहित 15 अन्य अभियुक्तों को भी दोषी करार दिया और उन्हें तुरंत कस्टडी में ले लिया गया। सजा का फैसला 3 जनवरी को सुनाया जाएगा।
इस केस में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र सहित सात अभियुक्तों को अदालत ने बरी कर दिया। बहुचर्चित चारा घोटाले के एक मामले में लालू प्रसाद यादव को पहले भी पांच साल की सजा हो चुकी है तथा कुछ समय जेल में रहने के बाद इन दिनों वे जमानत पर चल रहे थे। इस घोटाले में वर्ष 1996 में मामला दर्ज किया गया था।
चारा घोटाले की कड़ी में एक मामला देवघर ट्रेजरी से अवैध रूप से 85 लाख रुपये की राशि निकाले जाने का भी था, जिसमें शनिवार को 21 वर्ष बाद फैसला आया है। लालू प्रसाद के खिलाफ इस मामले में तीन और केस दर्ज हैं, जिनका फैसला आना अभी बाकी है।
रांची में सीबीआई की विशेष अदालत में शनिवार, 23 दिसंबर को आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव के खिलाफ फैसला सुनाया जाना तय था, जिस कारण वहां बड़ी संख्या में आरजेडी के समर्थक जमा थे। पहले बताया गया था कि फैसला प्रातः 11 बजे सुनाया जाएगा, लेकिन बाद में 3 बजे फैसला सुनाने की बात कही गई। इस दौरान पुलिस की मदद से कोर्ट के पास से भीड़ को कम किया गया। लगभग 3.30 बजे अदालत में सबसे पहले अभियुक्तों की हाजरी लगाई गई। फिर न्यायाधीश ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा सहित सात अन्य अभियुक्तों के नाम लेकर उन्हें दोषमुक्त करार दिया और कहा कि लालू प्रासद यादव सहित शेष सभी 15 अभियुक्त दोषी हैं तथा उनकी सजा का फैसला 3 जनवरी को सुनाया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस ने सभी अभियुक्तों को हिरासत में ले लिया और उन्हें विरसा मुंडा जेल भेज दिया।
अदालत के इस फैसले से लालू प्रसाद यादव समर्थकों और आरजेडी कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई। लालू प्रसाद यादव पहले ही घोषणा कर चुके थे कि उनकी अनुपस्थिति में आरजेडी की कमान उनके पुत्र तेजस्वी यादव संभालेंगे।