शिमला। हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री नयना देवी को पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब के साथ रज्जू मार्ग से जोडऩे के लिए वीरवार को शिमला में दोनों राज्यों के बीच संयुक्त उपक्रम परियोजना के अंतर्गत समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक डा. अरुण शर्मा और पंजाब सरकार की ओर से पर्यटन विभाग के निदेशक डा. के.एस सरा ने पीटरहॉफ के दरबार सभागार में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह रोप-वे 3,751 मीटर लम्बा होगा, जिसमें से 274.582 मीटर क्षेत्र पंजाब राज्य और 3,476.435 मीटर क्षेत्र हिमाचल प्रदेश में होगा। परियोजना की अनुमानित लागत 85 करोड़ रुपये होगी, जिसे दोनों राज्य बराबर अनुपात में वहन करेंगे। यह परियोजना तीन वर्षों में पूरी की जाएगी।
पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल ने समझौता ज्ञापन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे दोनों राज्यों के बीच भाईचारा और प्रगाढ़ होगा। इस परियोजना को अंतिम रूप देने के लिए दोनों राज्यों के बीच विभिन्न स्तरों बैठकें हुई हैं। उन्होंने कहा कि श्री नयना देवी जी के दर्शनों के लिए हर साल लगभग 70 लाख श्रद्धालु आते हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत श्री आनंदपुर साहिब भी पहुंचते हैं। श्री नयना देवी जी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों से होने वाले वायु एवं ध्वनि प्रदूषण में इस परियोजना से कमी आएगी और श्रद्धालु दोनों धार्मिक स्थलों को आने-जाने के लिए रज्जू मार्ग का आनंद भी ले सकेंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व में पंजाब और हिमाचल प्रदेश के बीच मधुर संबंध रहे हैं और अंतरराज्यीय मामलों को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पंजाब परस्पर हित की विभिन्न परियोजनाओं में हिमाचल प्रदेश को हमेशा सहयोग देगा।
मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने प्रदेश में पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल का स्वागत करते हुए इस महत्वाकांक्षी रोप-वे परियोजना का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने के लिए आभार व्यक्त किया।
प्रो. धूमल ने कहा कि इस रज्ज मार्ग के निर्माण से दोनों राज्यों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के उपरांत प्रदेश कसौली को चंडीगढ़ को जोडऩे के लिए भी इसी प्रकार के संयुक्त उपक्रम पर विचार करेगा ताकि रोप-वे के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को हिमाचल प्रदेश की ओर आकर्षित किया जा सके।
पंजाब के पर्यटन मंत्री सरदार सरवण सिंह फिल्लौर, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री रविंद्र सिंह रवि, विधायक सुरेश भारद्वाज, पंजाब के मुख्य सचिव राकेश सिंह, प्रदेश के मुख्य सचिव एस. रॉय, पंजाब की प्रधान सचिव गीतिका कैहलो, पंजाब पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक अनुराग अग्रवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव आरएस गुप्ता, प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक लोकेंद्र चौहान और सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक बीडी शर्मा आदि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।