शिमला। हिमाचल प्रदेश की 12वीं पंचवर्षीय योजना 22,800 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। राष्ट्रीय विकास परिषद् की वीरवार को नई
उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत 8.2 प्रतिशत राष्ट्रीय विकास दर के मुकाबले प्रदेश में 9 प्रतिशत विकास दर प्राप्त की जाएगी। योजना के दौरान कृषि क्षेत्र में वर्तमान 4.2 प्रतिशत विकास दर की उत्पादकता को बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत तक हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि जैविक खेती, गैर मौसमी सब्जियों, पाली हाऊस को बढ़ावा देकर लघु एवं ड्रिप सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करके कृषि आय में वृद्धि की जाएगी तथा फलों एवं सब्जियों के भण्डारण के समुचित प्रबन्ध किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने विदेशों के आयात किये जा रहे सेब पर आयात शुल्क में तीन गुणा वृद्धि की मांग करते हुए भारतीय फल उत्पादकों को पर्याप्त संरक्षण प्रदान करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिए केन्द्रीय औद्योगिक पैकेज को पुन: स्वीकृत करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसी सुविधाएं अन्य पहाड़ी राज्यों को प्रदान की जा रही हैं।
वीरभद्र सिंह ने योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय उच्च मार्ग-22 के अंतर्गत शिमला-कालका सड़क के सामरिक एवं आर्थिक महत्व के मद्देनजर इसे फोर-लेन करने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया। 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत प्रदेश में 100 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों को सड़क मार्ग से जोडऩे के लिए 7,500 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण तथा 2,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अतिरिक्त वर्तमान सड़कों के पर्याप्त रख-रखाव एवं पुलों व सुरंगों का निर्माण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कुल 23,000 मैगावाट जल विद्युत क्षमता में से 8,368 मैगावाट क्षमता का दोहन किया गया है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत अतिरिक्त 4,630 मैगावाट जल विद्युत क्षमता के दोहन का लक्ष्य रखा गया है।
हिमाचल के लिए पंचवर्षीय योजना में 22,800 करोड़
Advertisement