चमोली (गोपेश्वर)। चमोली जनपद मुख्यालय गोपेश्वर में सरकारी उपेक्षा से नाराज ग्रामीणों ने गांवों से निकल कर
पहली घटना दशोली विकासखंड की है। ग्रामीणों की शिकायत है कि प्रशासन एक सड़क निर्माण के मामले में उनके साथ धोखा कर रहा है। उन्होंने बताया कि दशोली विकासखंड में मासौं क्षेत्र के 15 गांवों को यातायात सुविधा मुहैया कराने के लिए वर्ष 2002 में मासौं-कफलखेत -दादड़-देबखाल नौ किलोमीटर सड़क को स्वीकृति मिली थी। इस सड़क पर छह किलो मीटर निर्माण के लिए 2004 में वित्तीय स्वीकृति भी मिल गई थी। बावजूद इसके विभाग ने कई वर्षों तक टेंडर प्रक्रिया ही प्रारंभ नहीं की। ग्रामीणों ने जब विरोध शुरू किया तो जनवरी 2015 में लोनिवि ने वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी किए बिना ही सड़क के लिए निविदाएं आमंत्रित कर लीं ताकि मामले को आगे भी इसी तरह लटकाए रखा जा सके। वन विभाग को संबंधित पूरे दस्तावेज तक उपलब्ध नहीं कराए गए। ऐसे में निकट भविष्य में भी मार्ग के बनने की कोई उम्मीदें नहीं है।
अंततः मासौं क्षेत्र के ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने प्रदर्शन करते हुए लोनिवि के अधिशाषी अभियंता के कार्यालय पर ताला जड़ दिया। उसके बाद वे डीएम कार्यालय पहुंचे और वहां जिलाधिकारी अशोक कुमार से भी शिकायत की। जिलाधिकारी ने उन्हें शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया है। तालाबंदी करने वालों में क्षेत्र पंचायत सदस्य रोशन लाल, डीसीडीएफ के निदेशक विक्रम सिंह नेगी, जिला पंचायत सदस्य ऊषा रावत, पार्वती देवी, मालती देवी, सुरेशी देवी, बीना देवी, गोपाल लाल, नंदी देवी समेत कई ग्रामीण शामिल थे।
दूसरी घटना में चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर के साथ लगते 12 गांवों के वासियों ने जिलाधिकारी अशोक कुमार का घेराव कर उन्हें एक –एक कर अपनी समस्याएं गिनाईं । ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरकारी तंत्र ने उन्हें पूरी तरह भुला दिया है। उन्होंने कहा कि पपड़ियाणा में वर्ष 2012 से हो रहे भूस्खलन का ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है, गांव के विस्थापन को लेकर प्रशासन से कई बार गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। जंगली जानवरों का बढ़ता आतंक किसी से छिपा नहीं है, काश्तकारों को फसलों के नुकसान का कोई मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। इसी प्रकार पेयजल, ड्रेनेज और सीवरेज व्यवस्था भी खस्ताहाल है। जिलाधिकारी ने तुरंत अधीनस्थ अधिकारियों को समस्याओं के त्वरित का आदेश दिया।
घेराव करने वालों में वन पंचायत सरपंच एसके भट्ट, ओमप्रकाश नेगी, रंजू देवी, नवल भट्ट, पुष्पा पासवान, महेंद्र सिंह नेगी, योगेंद्र सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, कमला देवी, जितेंद्र सिंह, सत्येंद्र सिंह रावत, जगत लाल, विनोद कनवासी समेत कई लोग शामिल थे।