चमोली (गोपेश्वर)। उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में या तो नौकरशाह राज कर रहे हैं या ठेकेदार। सरकार तो सामने कहीं
दशोली विकासखंड में बेमरू गांव के निकट मैनागाड़ गदेरे पर डुमक, कलगोठ, पल्ला, जखोला, किमाणा आदि गांवों की पांच हजार की आबादी के लिए बनाई गई एक पुलिया वर्ष 2013 की आपदा में बह गई थी, जिस कारण ग्रामीणों को अब 20 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर कुजौं मैकोट गांव होते हुए आना- जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों की पुरजोर मांग पर सरकार ने मैनागाड़ गदेरे पर एक ट्राली का निर्माण करने का निर्णय लिया। इस पर लोक निर्माण विभाग ने भी तुरंत निविदाएं आमंत्रित कीं और यह काम एक ठेकेदार को अलाट कर दिया। इसमें दिलचस्प बात यह है कि ठेकेदार ने अभी काम शुरू भी नहीं किया था कि विभाग ने उसे 18 लाख रुपये (90 प्रतिशत) अदायगी भी कर दी। बेमरू के ग्राम प्रधान रविंद्र नेगी ने मीडिया को बताया ट्राली निर्माण का कार्य इसके दो साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने जिलाधिकारी से लेकर शासन स्तर तक कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मीडिया ने इस संबंध में चमोली में लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता विशन लाल से बात की तो उनका कहना था कि मैनागाड़ गदेरे पर ट्राली निर्माण में देरी के लिए ठेकेदार को नोटिस दिया गया है। ठेकेदार ने इसी माह ट्राली निर्माण का कार्य प्रारंभ करने की बात कही है।