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उधमसिंह नगर (काशीपुर)। उत्तराखंड में चुनाव जीतने के लिए सभी दल ताल ठोंक रहे हैं, लेकिन नेताओं के भाषणों में बंद पड़ी श्रीश्याम पेपर मिल के भुखमरी से जूझ रहे सैकड़ों मजदूर परिवारों का जिक्र तक नहीं है। मजदूरों की हालत को देखते हुए स्थानीय गुरुद्वारा ननकाना साहिब ने लंगर की व्यवस्था की है। आज सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के एजेंडे से समाज की अंतिम पंक्ति के लोग किस तरह गायब हैं, यह इसका एक ज्वलंत उदाहरण है।
उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में यह पेपर मिल बंद हो जाने से उसके करीब 600 मजदूरों को अगस्त, 2015 से वेतन नहीं मिला, जिस कारण उनके परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। दुकानदारों का कर्जा सिर पर है, बच्चों की भी पढ़ाई छूट गई है। मजदूरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही उन्हें पगार नहीं मिली तो वे सामूहिक आत्महत्या कर लेंगे।सभी मजदूर मिल के गेट पर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन ने उनकी कभी कोई सुध नहीं ली।
झारखंड के डाल्टनगंज से आए सुरेंद्र पाल कहते हैं, “घर में परिजन इंतजार कर रहे हैं कि मैं कुछ कमाकर भेजूंगा, लेकिन यहां तो अपने ही खाने के लाले पड़े हुए हैं, ऐसे में घर क्या भेजूं? मजदूरी तो मिली नहीं, ऊपर से कर्जा और हो गया।”
बरेली साहपुर डांडी निवासी ओम प्रकाश तीन बच्चों व पत्नी के साथ यहां किराए पर रहते हैं। वेतन नहीं मिलने के कारण महीनों से मकान का किराया नहीं दे पाए। मकान मालिक आए दिन सामान बाहर फेंकने की धमकी देता है। राशन वाले ने भी अब उधार देना बंद कर दिया है।
हरियावाला निवासी छत्रपाल मजदूरी नहीं मिलने के कारण अपने तीन बच्चों का पालन पोषण नहीं कर पा रहे हैं। कई माह से बच्चों की फीस जमा नहीं कर पाए और अंततः बच्चों की पढ़ाई छुड़ा देनी पड़ी। सरकार को तो जैसे मजदूरों की पीड़ा से कुछ लेना देना ही नहीं है।
पीड़ित मजदूर वेतन के लिए मिल प्रबंधन से गुहार लगाते हैं तो वहां हर बार कोरा आश्वासन ही मिलता है। मजदूर परिवारों की अत्यंत दयनीय हालत देख कर स्थानीय गुरुद्वारा ननकाना साहिब के प्रबंधक आगे आए और उनके लिए लंगर की व्यवस्था की। पिछले कई माह ये मजदूर गुरुद्वारे के लंगर पर ही जिंदा हैं। मजदूरों का कहना है कि वे अब केवल 26 सितंबर का इंतजार कर रहे हैं। इस दिन मिल को नीलाम किए जाने की बात कही जा रही है। उसके बाद भी यदि उन्हें वेतन नहीं दिया गया तो उनके पास सामुहिक आत्महत्या के सिवा कोई विकल्प ही नहीं है।