देश की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 के दिन हिंदी को राष्ट्रभाषा के दर्जा दिया था। इसे मातृभाषा का गौरव भी प्राप्त है। इससे पूर्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक हिंदी साहित्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, “
हालांकि इस दौरान हिंदी ने कोई खास प्रगति नहीं की और हिंदी के साहित्यकार भी अंग्रेजी के मुकाबले स्वयं को उपेक्षित महसूस करते हैं। हिंदी दिवस के अधिकांशतः आयोजन मात्र रस्म अदायगी तक सीमित होकर रह गए हैं। विभिन्न विख्यात कार्टूनिस्टों ने इस स्थिति को अपने अलग- अलग अंदाज में पेश किया है। आप भी देखिए–
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