शिमला। नगर निगम शिमला के लिए शुक्रवार को शांतिपूर्ण ढंग से मतदान हुआ। निगम के कुल 34 वार्डों में खड़े 126 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला शनिवार को होगा। वैसे स्थानीय निकायों में चुनाव परिणामों को लेकर भविष्यवाणी करना आसान नहीं होता, लेकिन खुफिया एजेंसियों की रिपोर्टों, चुनाव विश्लेषकों के आकलनों और राजनीतिक दलों के आंतरिक पूर्वानुमानों का अध्ययन करने पर जो तस्वीर उभर कर सामने आई है, उसके अनुसार कांग्रेस (13 से 18) पहले नंबर पर, भाजपा (10 से 13) दूसरे स्थान पर और माकपा (3 से 5) के तीसरे स्थान पर रहने की उम्मीद है।
क्योंकि यह चुनाव बिना पार्टी चिन्हों के हुआ है, इसलिए मतगणना के बाद निगम पर कब्जे के लिए ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ की भी प्रबल आशंका है। हालांकि तीनों ही प्रमुख दलों- कांग्रेस, भाजपा व माकपा ने अपने समर्थित प्रत्याशियों की सूचियां जारी कर दी थीं, लेकिन माकपा को छोड़ कर शेष दोनों दलों के अधिकांश वार्डों में बागी उम्मीदवार भी खड़े हैं।
माना जा रहा है कि त्रिशंकू हाउस की स्थिति में यदि माकपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया तो नगर निगम पर उसका कब्जा हो सकता है। यदि माकपा की सीटों की संख्या पांच या इससे अधिक हो गई तो वह कांग्रेस के साथ डिप्टी मेयर पद के लिए भी सौदेबाजी कर सकती है।
यह चुनाव अदालती हस्तक्षेप के कारण विवादास्पद मतदाता सूचियों के आधार पर ही हुआ है, इसलिए मतदाता सूचियों में नाम नहीं मिलने के कारण लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिली। उल्लेखनीय है कि इस मतदाता सूची से हजारों मतदाताओं के नाम गायब कर दिये जाने के कारण माकपा और भाजपा ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किये थे। दबाव में आकर सरकार ने मतदाता सूचियों में संशोधन का निर्णय लिया था और चुनाव कुछ समय के लिए टाल दिया था। लेकिन बाद में अदालत के आदेश पर चुनाव विवादास्पद मतदाता सूचियों पर ही कराना पड़ गया।
राजधानी के इस नगर निगम पर कब्जे के लिए तीनों ही प्रमुख दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ताबड़तोड़ जनसभाएं कीं तो भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मोर्चा संभाला। राजधानी क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए नड्डा और धूमल के मध्य मुकाबले का भी बखूबी प्रदर्शन हुआ। भाजपा से इस बार जेपी नड्डा भी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। इसलिए चुनाव प्रचार के दौरान कुछ क्षेत्रों में धूमल- नड्डा के धड़े आमने- सामने नजर आए। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कुछ ही माह बाद विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं।