नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार खर्च में कटौती और वित्तीय गतिशीलता के बारे में कड़े निर्णय लेगी। प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब सरकार वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए खर्च में कटौती के उपायों की घोषणा करने की तैयारी कर रही है। यूपीए सरकार की दूसरी पारी के तीन साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ”खर्च और वित्तीय गतिशीलता दोनों पर कड़े निर्णय लेने होंगे।”
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प्रधानमंत्री के इस बयान से पहले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने राज्यसभा में हाल ही में कहा था कि सरकार खर्च में कटौती के उपाय करेगी। सरकार किन कड़े उपायों पर विचार कर रही है, ये पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, ”इंतजार करें, कई बार ऐसा होता है कि कुछ चीजें स्वाभाविक होंगी।”
उन्होंने कहा, ”मैं मानता हूं कि हम अपने भुगतान संतुलन पर दबाव का सामना करते हैं। इस वित्तीय हालात का प्रबंधन सावधानीपूर्वक करने की जरूरत है। घरेलू और विदेशों में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए कड़े उपायों की दरकार है।”
रुपये की कीमत में गिरावट के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ”किसी भी बाजार अर्थव्यवस्था में मुद्रा कभी ऊपर की ओर जाती है कभी नीचे की ओर।” गौरतलब है कि रुपये का अवमूल्यन लगातार जारी है और सोमवार को वह अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 55.04 रुपये तक चली गई।
प्रधानमंत्री का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विपरीत माहौल के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2011-12 में लगभग सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।