देहरादून। उत्तराखंड के विभिन्न तराई वाले क्षेत्रों में जंगली हाथियों ने इन दिनों किसानों का जीना दूभर कर रखा है। वनों से निकलकर हाथी
विकासनगर में कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंज से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में हाथी और हथिनी का प्रकोप बढऩे से किसानों की नींद उड़ी हुई है। धर्मावाला, कुंजाग्रांट, आदूवाला, बद्रीपुर क्षेत्र में हाथी व हथिनी ने गन्ने की फसल चौपट कर दी। हथिनी तो बच्चा साथ होने के कारण रात में ही किसी समय निकलकर गन्ना खा रही है, लेकिन हाथी अब तक आदूवाला कंपार्टमेंट-दो में बांस का वन और गुर्जर बस्ती धर्मावाला, कुंजाग्रांट, तिपरपुर, शाहपुर कल्याणपुर तथा बद्रीपुर आदि क्षेत्रों में अनेक किसानों की गन्ने की फसल चट कर चुका है। यहां किसान डर के मारे दिन में भी खेतों में नहीं जा पा रहे हैं। उपप्रभागीय वनाधिकारी गुलवीर सिंह के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में वनकर्मियों की गश्त तेज कर दी गई है।
डोईवाला क्षेत्र में सिमलासग्रांट, नांग्ल, ज्वालापुर में भी हाथियों का आतंक रुकने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष दरपान सिंह वोरा ने बताया कि हाथियों के झुंड ने गांव के शेर सिंह, गंगा सिंह, नरेंद्र सिंह, दीवान सिंह, बहादुर सिंह, आनंद सिंह, कुंवर सिंह, रोढ़ा सिंह आदि की धान, गन्ने की फसलों को रौंद कर नष्ट कर दिया। दो दिन शांत रहने के बाद गांव में फिर हाथियों ने दस्तक दे दी। रामगढ़ रेंज के वन दारोगा प्रकाश चंद शर्मा ने बताया कि रेंज अधिकारी और वन कर्मियों की टीम गांव में गश्त कर रही है।
लच्छीवाला रेंज के जीरो प्वाइंट से आबादी क्षेत्र में घुस रहे हाथियों ने कई किसानों की नकदी फसलों को नष्ट कर दिया है। दहशत के साए में जी रहे ग्रामीण रात भर जाग कर फसलों की रखवाली कर रहे हैं। लोगों को हाथियों से जान का खतरा भी बना हुआ है। नकरौंदा ग्राम सभा की प्रधान राधा पंवार ने बताया कि हाथियों के झुंड ने शिवराम बद्री, ज्ञान सिंह नेगी, मायाराम, मनवीर क्षेत्री, राजेंद्र खत्री, गोपाल मनवाल, रोशन लाल, सुशील व रमेश जोशी की धान, गन्ना, मक्का आदि नकदी फसलों को रौंद कर नष्ट कर दिया। सरकार की ओर से किसानों को कोई मुआवजा भी नहीं मिल रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता राजन पंवार ने बताया कि गत वर्ष भी हाथियों ने किसानों का भारी नुकसान किया था। उसका मुआवजा भी आज तक नहीं मिल पाया है।
लच्छीवाला रेंज के नकरौंदा गांव में गत दिवस रात को गांव में घुस आए एक हाथी ने दो दुकानों के शटर तोड़ कर वहां रखे गुड़, चावल और अन्य खाद्य सामग्री को चट कर दिया। उसके बाद हाथी ने खेतों की ओर रुख किया और धान, गन्ना व मक्के की फसलों को रौंद डाला।
दूधली क्षेत्र में भी गत दिवस हाथियों के झुंड ने घनी आबादी में घुस कर ग्रामीणों की धान व गन्ने की फसल को रौंद डाला। हाथियों को जंगल की ओर खदेडऩे के लिए ग्रामीणों ने ट्रैक्टर के सायरन व मशाल का इस्तेमाल किया।
टनकपुर में जंगल से सटे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी जंगली हाथियों का आतंक सिर चढ़ कर बोल रहा है। यहां हाल ही में रात को जंगल से सटे गांव छीनीगोठ में दो जंगली हाथियों ने घंटों तक उत्पात मचाया। हाथियों ने संजय मिश्रा की आटा चक्की को तोड़ डाला और वहां रखे आटे को चट कर दिया। चक्की घर में सो रहे संजय मिश्रा ने भाग कर जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। ग्राम प्रधान दिलीप राम, उप प्रधान जगदीश पंत, पूर्व प्रधान राधा भंडारी और पूर्व बीडीसी सदस्य मोतीराम टकवालं ने सरकार से जंगली जानवरों की रोकथाम के लिए फैंसिंग लाइन लगाने और पीडि़त परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।
गांवों को उजाडऩे पर उतारू हुए जंगली हाथी
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