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दिल्ली नगर निगम के 134 नंबर वार्ड के चुनाव नतीजे को लेकर राज्य चुनाव आयोग दंग है और उसे माथा पच्ची भी करनी पड़ रही है। दिल्ली नगर निगम के कुल 272 वार्डों में 15 अप्रैल को मतदान हुए। इसके नंगली सकरावती वार्ड संख्या 134 पर 21 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। लेकिन 16 अप्रैल को आए नतीजों ने सबको चौंका दिया, क्योंकि सभी उम्मीदवार कुल मतदान के छठे हिस्से से भी कम मत हासिल कर पाए।
इस वार्ड से भाजपा के बागी उम्मीदवार सतेन्द्र सिंह राणा ने जीत तो हासिल की, लेकिन उन्हें भी कुल मतदान के छठे हिस्से से कम मत मिले।
कानून के अनुसार अगर किसी उम्मीदवार को कुल मतदान के छठे हिस्से से भी कम मत मिलते हैं तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है।
अनोखा मामला
नजफगढ़ के जिला मैजिस्ट्रेट और निर्वाचन अधिकारी कृष्ण मोहन उप्पू का कहना है, ”कानून के अनुसार जितने भी उम्मीदवार चुनाव लड़ते हंै, उसमें से जिसे भी ज्यादा वोट मिलते हैं वो जीत जाता है, लेकिन ये एक अनोखा मामला है, जिसमें जीतने वाले उम्मीदवार की भी जमानत जब्त हो गई।”
सतेन्द्र सिंह राणा को 6,681 मत मिले हैं, जबकि जमानत बचाने के लिए 6720 मत मिलने चाहिए थे।
चुनाव के दौरान जनरल कोटा के उम्मीदवार को 5000 रुपये और आरक्षित उम्मीदवार को 2500 रुपये की राशि जमानत के तौर पर जमा करनी होती है। एक वार्ड के लिए कई उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं। दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा को जीत हासिल हुई है।