माओवादी छापामारों ने छत्तीसगढ़ के सबसे संवेदनशील सुकमा जिले के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का शनिवार शाम अपहरण कर लिया है। इस दौरान नक्सलियों ने कलेक्टर के दो अंगरक्षकों को भी मार दिया।
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पुलिस के अधिकारी इस मामले में कुछ भी आधिकारिक तौर पर बोलने को तैयार नहीं हैं, मगर विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह घटना सुकमा के ही केरलापाल इलाके की है जहां पर मांझीपाड़ा में प्रशासन के अधिकारियों ने ‘ग्राम सुराज अभियान’ के तहत डेरा डाला हुआ था।
हर साल होने वाले ग्राम सुराज अभियान के तहत राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह और प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करते हैं और ग्रामीणों की समस्याओं से रू ब रू होते हैं।
बताया जा रहा है कि कलेक्टर ग्रामीणों से बातचीत कर ही रहे थे कि एक नक्सली सभा में आ पहुंचा। इसके बाद उसने वहां पर मौजूद कलेक्टर के एक अंगरक्षक का कथित रूप से गला रेत दिया। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा गार्डों ने उसे मार दिया, मगर इसी बीच नक्सालियों का एक बड़ा दल वहां पहुंच गया।
नक्सलियों ने गोलियां चलाना शुरू कर दी, जिसमें एक-दो पुलिसकर्मियों को गोली लगने की बात कही जा रही है। इनमें से एक की मौत हो गई है।
तभी कलेक्टर ने भाग कर वहां खड़े अपने वाहन में छुपने की कोशिश की, मगर तब तक नक्सलियों ने उनके वाहन को घेर लिया और उसके बाद वे उनको अपने साथ ले गए।
मौके पर मौजूद घटना के चश्मदीद सुकमा के अनुमंडल अधिकारी एसपी वैद ने बताया कि नक्सली 15 से 20 की संख्या में थे।
उन्होंने कहा, ”मांझी पाड़ा में सभा के दौरान नक्सलियों ने अचानक हमला बोल दिया. फिर अफरा तफरी मच गई, गोलीबारी हुई। फिर वह पूछने लगे कि कलेक्टर कौन है। तब कलेक्टर साहब ने कहा मैं हूं। इसके बाद वे उनको अपने साथ लेते गए।”
इससे पहले शुक्रवार को माओवादियों ने सुकमा के ही निकटवर्ती बीजापुर जिले में एक बारूदी सुरंग का विस्फोट किया था। इसमें भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकर्ता मारे गए थे।
पुलिस का कहना था कि इस विस्फोट में राज्य के जनजातीय मामलों के संसदीय सचिव महेश घाघरा और बीजापुर के कलेक्टर रजत कुमार बाल बाल बच गए थे।
सुकमा जिले में कलेक्टर के अपहरण के बाद राज्य सरकार सकते में आ गई है। ग्राम सुराज अभियान में दो दिनों के अन्दर दो कलेक्टरों पर माओवादियों के हमले के बाद प्रशासनिक अधिकारी दहशत में है।
रायपुर में इस मामले को लेकर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद पुलिस विभाग के सूत्रों का कहना है कि अपहृत किये गए कलक्टर को रिहा करवाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है।