An ideal platform for outburst of mind.
फासीवाद और प्रगतिशील दोनों विपरीत विचारधाराएं हैं। एक घोर संकीर्णवादी है तो दूसरी समाज में उदार दृष्टि के लिए जानी जाती है। इसलिए दोनों विचारधाराओं में टकराव की स्थिति आम बात है। आज देश में... Read more
नास्तिकवाद या अनीश्वरवाद (Atheism) वह सिद्धांत है, जिसमें किसी भी ईश्वर के अस्तित्व को सर्वमान्य प्रमाण के न होने के आधार पर स्वीकार नहीं किया जाता। (नास्ति = न + अस्ति = नहीं है, अर्थात् ईश... Read more
चार्ल्स डार्विन (12 फरवरी, 1809 – 19 अप्रैल 1882) एक महान वैज्ञानिक थे। आज जो हम सजीव चीजें देखते हैं, उनकी उत्पत्ति तथा विविधता को समझने के लिए उनका ‘विकास का सिद्धांत’ सर्वश्रेष्ठ माध्यम म... Read more
मिर्ज़ा असदुल्लाह बेग ख़ान, जो अपने तख़ल्लुस ग़ालिब से जाने जाते हैं, उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के एक महान शायर थे। ग़ालिब (27 दिसंबर, 1796- 15 फ़रवरी, 1869) को भारत और पाकिस्तान में एक महत्वपूर... Read more
माओ त्से-तुंग या माओ ज़दोंग प्रमुख चीनी क्रान्तिकारी, राजनैतिक विचारक और साम्यवादी (कम्युनिस्ट) दल के नेता थे, जिनके नेतृत्व में चीन की क्रान्ति सफल हुई। उन्होंने जनवादी गणतन्त्र चीन की स्था... Read more
गुरु रविदास अथवा रैदास मध्यकाल में एक भारतीय संत थे। उन्होंने समाज में फैली जात-पात, ऊंच- नीच, छुआछूत जैसे कुरीतियों के खिलाफ प्रखरता से आवाज उठाई। इसी कारण इन्हें सतगुरु अथवा जगतगुरु की भी... Read more
देश में बेरोजगारी में भी ग्रामीण महिलाओं की बेरोजगारी नोटबन्दी के बाद से ही बहुत बड़ा विषय है, लेकिन वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इसे मानती ही नहीं। यह एक आपराधिक मूर्खता है। बजट में इस महत्वप... Read more