फासीवाद और प्रगतिशील दोनों विपरीत विचारधाराएं हैं। एक घोर संकीर्णवादी है तो दूसरी समाज में उदार दृष्टि के लिए जानी जाती है। इसलिए दोनों विचारधाराओं में टकराव की स्थिति आम बात है। आज देश में... Read more
नई दिल्ली। उद्योगपतियों और सत्ता के गठजोड़ ने मजदूरों को निचोड़ने के लिए एक नया खेल शुरू कर दिया है। मजदूरों को धमकियां दी जा रही हैं कि- ‘लौट आओ काम पर, वर्ना बुरा होगा अंजाम।’ उद्योगपति अर... Read more
बहुत समय से फ्री सेक्स पर लिखना टाल रहा था, लेकिन आज मेरे एक प्रिय लेखक ने फ्री सेक्स की मजाक उड़ाते हुए लिखा तो लगा कि अब इस पर अपनी समझ से टिप्पणी करी जाय। मैं फ्री सेक्स के पक्ष में हूं, फ... Read more
अस्मिता और पहचान की राजनीति की एक सीमा होती है। दलित अस्मिता, आदिवासी अस्मिता, अल्पसंख्यक अस्मिता आन्दोलन की जरुरत तो है, लेकिन इंसान को अस्मिता के अलावा भी बहुत कुछ चाहिए होता है। दलित, आदि... Read more