बादशाहत सबकी सलामत रहे ! हालांकि अब बादशाहों, राजाओं का जमाना नहीं रहा, लेकिन मेरा दिल नहीं मानता। ये आज भी होते हैं और विभिन्न रूपों में हर जगह मौजूद हैं। मन के राजा, मन के बादशाह, मन के शे... Read more
इन दिनों पता नहीं क्यों मुझे बार-बार पीछे मुड़कर झांकने की बीमारी सी हो गई है। बीती जिंदगी में, साहित्य, पत्रकारिता, राजनीति, मानवीय विकास आदि सभी में झांकता रहता हूं कि आखिर हम कहां से चले... Read more