Advertising

नक्सल विरोधी अभियान के शहीदों को प्लास्टिक के मैडल

दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़)। दंतेवाड़ा क्षेत्र के बिंजाम गांव में उदासी छाई हुई है। यहां एक बार फिर मातम का माहौल है।

Advertisement
किसी ने यहां के रहने वालों के ज़ख़्मों को फिर से हरा कर दिया है। इससे पहले वर्ष 2011 की नौ जून को यहाँ मातम तब पसरा था, जब इस गाँव के तीन नौजवान दंतेवाड़ा के कटेकल्याण के इलाक़े में हुए एक बारूदी सुरंग विस्फोट में मारे गए थे। घटना में कुल दस जवान मारे गए थे, जिनमें से तीन विशेष पुलिस अधिकारी- योगेश मडियामी, बख्शु ओयामी और चमनलाल बिंजाम गांव के थे, जबकि बाक़ी के छत्तीसगढ़ के दूसरे इलाक़ों से थे।

अगले साल, यानि 2012 में 26 जनवरी के दिन दंतेवाड़ा के कारली स्थित पुलिस लाइन में एक समारोह आयोजित कर मारे गए विशेष पुलिस अधिकारियों को सम्मान दिया गया। बस्तर की तत्कालीन प्रभारी मंत्री ने मारे गए जवानों के परिजनों को मैडल भी दिए। मगर जवानों के परिवारों को झटका तब लगा जब सम्मान में दिए गए मैडलों का रंग उतरने लगा। पता चला कि यह सभी मैडल सोने के नहीं बल्कि प्लास्टिक के हैं।

शहीद योगेश मडियामी के पिता रूपाराम मडियामी के लिए सम्मान का पदक दरअसल अब अपमान का पदक बन गया है। गाँव में बनी उनकी झोपड़ी की दीवार से टंगे-टंगे जैसे अब यह पदक उन्हें चिढ़ा रहा है। दंतेवाड़ा से 12 किलोमीटर दूर अपने गाँव में जब बीबीसी से उनकी मुलाक़ात हुई तो वो काफ़ी आहत नज़र आए। कहने लगे, “मंत्री लता उसेंडी ने पदक देते वक़्त हमसे कहा था कि यह सोने का है और इसे संभाल कर रखना। सोना क्या रहेगा, यह तो लोहे का भी नहीं है। अब पता चल रहा है कि यह तो प्लास्टिक का है। यह हमारे परिवार का सम्मान नहीं, बल्कि अपमान है।”

रूपाराम मडियामी कहते हैं कि प्लास्टिक के मैडल उनके परिवार और उनके बेटे की शहादत का अपमान हैं। नक्सल विरोधी अभियान के दौरान मारे जाने वाले सुरक्षा बल के जवानों को सरकार की तरफ़ से मुआवज़ा दिया जाता है। मगर योगेश और उनके साथ मारे गए जवान छत्तीसगढ़ पुलिस बल के सदस्य नहीं थे, बल्कि वे विशेष पुलिस अधिकारी थे। इसलिए उन्हें मुआवज़े की रक़म भी कम मिली। जिस तरह से मुआवज़े की रक़म दी गई वह भी कम अपमानजनक नहीं था। रूपाराम बताते हैं कि सबसे पहले उन्हें बेटे के दाह-संस्कार के लिए एक लाख रुपये दिए गए थे। फिर तीन महीने बाद उन्हें पांच लाख रुपये और मिले। कुछ ही दिनों बाद उनसे एक लाख रुपये वापस लौटाने को कहा गया।

सरकार की नीति के अनुसार  नक्सल विरोधी अभियान में मारे गए सुरक्षा बल के जवानों के परिजनों को अनुकम्पा के आधार पर स्थायी सरकारी नौकरी और मकान भी दिया जाता है। बिंजाम के मारे गए विशेष पुलिस अधिकारियों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी तो दी गई, मगर दैनिक वेतन भोगी की।

योगेश की बहन प्रभा को दंतेवाड़ा के कन्या छात्रावास में दैनिक वेतन भोगी चपरासी की नौकरी मिली। बख्शु ओयामी के भाई पन्द्रू ओयामी को बालक छात्रावास में रसोइये की नौकरी मिली, जो अस्थाई है। इसी तरह चमनलाल की पत्नी को भी चपरासी की अस्थाई नौकरी दी गई।

बस्तर के प्रभारी छत्तीसगढ़ के मंत्री केदार कश्यप ने बीबीसी से बात करते हुए घटना पर आश्चर्य ज़ाहिर किया और कहा कि वह पूरे मामले की जांच करवाएंगे। वे कहते हैं, “ये एक गंभीर मामला है। हम सुनिश्चित करेंगे कि जिन पुलिस के जवानों ने अपनी जान देकर इलाक़े में शांति स्थापित करने के लिए क़ुर्बानी दी है, उन्हें पूरा सम्मान मिले।”

एक मंत्री के दिए ज़ख्मों और दूसरे मंत्री के मरहम के बीच अब छत्तीसगढ़ में इस बात पर बहस छिड़ गई है कि नक्सल विरोधी अभियान में इतनी राशि के आवंटन के बावजूद मारे गए जवानों के परिजनों को रुसवाई क्यों उठानी पड़ रही है।       (बीबीसी हिंदी.कॉम से साभार)

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

Recent Posts

पं नेहरू के प्रति मेरे मन में पूरा सम्मानः शांता कुमार

धर्मशाला। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा है कि पालमपुर नगर… Read More

5 months ago

मणिकर्ण में आग लगने से दो मंजिला मकान जलकर राख

कुल्लू। जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के गांव सरानाहुली में बुधवार रात को दो मंजिला… Read More

5 months ago

फासीवाद बनाम प्रगतिशील

फासीवाद और प्रगतिशील दोनों विपरीत विचारधाराएं हैं। एक घोर संकीर्णवादी है तो दूसरी समाज में… Read More

5 months ago

वाईब्रेंट विलेज नमग्या पहुंचे राज्यपाल, स्थानीय संस्कृति एवं आतिथ्य की सराहना की

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत किन्नौर जिला के सीमावर्ती… Read More

7 months ago

दुग्ध उत्पादकों के लिए जुमलेबाज ही साबित हुई सुक्खू सरकार

रामपुर। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान 80 व 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से… Read More

11 months ago

खुलासाः मानव भारती विवि ने ही बनाई थीं हजारों फर्जी डिग्रियां

शिमला। मानव भारती निजी विश्वविद्यालय के नाम से जारी हुई फर्जी डिग्रियों में इसी विवि… Read More

11 months ago
Advertisement