नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत 2000 और 2014 के बीच एचआईवी संक्रमण के नए मामलों में 20
रिपोर्ट में कहा गया कि एचआईवी के नए संक्रमणों में 35 प्रतिशत की और एड्स से जुड़ी मौतों में 41 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं एचआईवी के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया के चलते वर्ष 2000 के बाद से अब नए संक्रमण के 3 करोड़ और एड्स से जुड़ी मौतों के लगभग 80 लाख मामलों पर रोक लगाई जा सकी। यह रिपोर्ट यूएनएडस (ज्वाइंट युनाइटेड नेशन्स प्रोग्राम ऑन एचआईवी, एडस) द्वारा अदीस अबाबा में जारी की गई थी।
उपचार का दायरा बढ़ाः रिपोर्ट में कहा गया कि एचआईवी और टीबी के साथ जी रहे लोगों के एचआईवी उपचार का दायरा भी बढ़ा है। मरीजों की संख्या के मामले में एचआईवी और टीबी दोनों के साथ जी रहे लोगों के बीच एंटीरेट्रोवायरल थैरेपी का इस्तेमाल सबसे ज्यादा भारत, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया और जांबिया में बढ़ा है। इसमें कहा गया कि इस समय लगभग 85 प्रतिशत एंटीरेट्रोवायरल दवाएं भारत से आती हैं।
इसमें कहा गया कि भारत सरकार ऐसे नीतिगत उपाय करने में भी सफल रही है, जो कि भारतीय कंपनियों को जेनरिक दवाएं बनाने की अनुमति देते हैं। इससे दूसरे विकासशील देशों में इन दवाओं के निर्यात की क्षमताओं को मजबूती दी जा सके।
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