नई दिल्ली। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष एवं यूपीए की संयोजक सोनिया गांधी ने दावा किया है, “हम सत्ता में लौट रहे हैं, भाजपा 2019 के चुनाव में अपनी ‘जुमलेबाजियों’ के बोझ तले जब जाएगी।” सोनिया गांधी शुक्रवार को इंडिया टुडे कानक्लेव- 2018 में सार्वजनिक मंच पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रही थीं।
उन्होंने कहा, “भाजपा मार्केटिंग, ब्रांडिंग और झूठे वादों के दम पर सत्ता में आई थी और आज तक जनता से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया। हैरानी की बात तो यह है कि यह सरकार आज भी पब्लिक से एक के बाद एक झूठे वादे करती जा रही है, लेकिन पहले किए वादों पर कोई जवाब नहीं दे रही। वर्ष 2019 में मोदी सरकार की जुमलेबाजी प्रमुख चुनावी मुद्दा होगा।”
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि वाजपेयी जी संसदीय परंपरा का सम्मान करते थे और विपक्ष को अपनी बात कहने का पूरा मौका देते थे, लेकिन मोदी सरकार तो हमें सदन में बोलने ही नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के ‘अच्छे दिन’ का अंजाम ‘शाइनिंग इंडिया’ जैसा होगा।
कांग्रेस पार्टी को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद मैं चिंतामुक्त हो गई हूं। राहुल पुराने नेताओं को पूरा सम्मान देते हुए नए लोगों को आगे लाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं और राजीव कभी राजनीति में नहीं आना चाहते थे, लेकिन इंदिरा जी की हत्या के बाद अचानक सब कुछ बदल गया।
सोनिया गांधी ने कहा, “पार्टी यदि चाहेगी तो मैं 2019 में चुनाव लड़ूंगी, प्रियंका गांधी राजनीति में आने का फैसला स्वयं लेंगी, यह सब उनकी इच्छा पर निर्भर है। कांग्रेस ने हाल ही में मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य कई जगहों पर हुए उपचुनावों और स्थानीय निकायों में अच्छा प्रदर्शन किया है। कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में भी पार्टी बेहतर करेगी। मोदी सरकार के खिलाफ जनता में जबरदस्त आक्रोश झलक रहा है।”
इंडिया टुडे के प्रबंध संपादक अरुण पुरी ने जब पूछा कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में आप कैसा मानती हैं तो सोनिया गांधी हंसते हुए जवाब दिया, “सारी रामायण तो हो गई, आप पूछते हैं कि सीता कौन थी।”
अरुण पुरी ने उनसे विगत में प्रधानमंत्री पद का त्याग किए जाने के संदर्भ में पूछा तो सोनिया गांधी ने कहा, “मुझे लगा कि मनमोहन सिंह मुझसे बेहतर प्रधानमंत्री साबित होंगे, इसलिए प्रधानमंत्री पद के लिए उन्हें चुना गया।” जब उनसे देश की आर्थिक नीतियों के बारे में सवाल किए गए तो उन्होंने कहा, “मैं अर्थशास्त्री नहीं हूं, इसके बारे में पी. चिदंबरम और मनमोहन सिंह जी ही बेहतर जवाब दे सकते हैं।”