हमीरपुर। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने वीरवार को अचानक हमीरपुर में उपायुक्त कार्यालय पर धावा बोल कर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ताले में बंद कर दिया। उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक सहित सभी काफी समय तक कार्यालय में बंद रहे और बाहर भाजयुमो की नारेबाजी चलती रही।
भाजयुमो ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में वीरवार तो आक्रोश रैली का आयोजन किया था, जिसके लिए प्रशासन से उन्हें गांधी चौक पर ही धरना प्रदर्शन की अनुमति मिली थी। रैली का नेतृत्व प्रमुख रूप से पूर्व मुख्यमंत्री के छोटे पुत्र अरुण धूमल, भाजयुमो नेता सुरजीत ठाकुर और विशाल चौहान आदि कर रहे थे।
अरुण धूमल ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार के जंगलराज से तंग आ गई है। पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। कोटखाई में गुड़िया प्रकरण और मंडी में वन रक्षक की नृशंस हत्या इसकी ज्वलंत मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने सबसे अधिक धोखा युवाओं को दिया है। सरकार की कुनीतियों के चलते प्रदेश में बेरोजगारी बहुत बढ़ गई है और महंगाई ने जनता का जीना दूभर कर दिया है।
अरुण धूमल ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार की इन्हीं विफलताओं के कारण विधानसभा चुनाव में भाजपा निश्चित रूप से 60 से अधिक सीटें जीत कर सत्ता में आएगी। भाजयुमो नेता सुरजीत ठाकुर और विशाल चौहान ने भी रैली को संबोधित किया।
गांधी चौक पर रैली के बाद प्रदर्शनकारियों ने अचानक उपायुक्त कार्यालय की ओर रुख किया और वहां कार्यालय के मेन गेट पर ताला जड़ दिया। उसके बाद उन्होंने गेट के सामने बैठ कर प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इससे लोगों को वहां भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
हमीरपुर के उपायुक्त मदन चौहान ने बाद में मीडिया को बताया कि भाजयुमो को केवल गांधी चौक पर धरना प्रदर्शन के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन कार्यकर्ताओं ने नियमों का उल्लंघन किया है। इससे आम जनता को भी भारी परेशानी हुई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आवश्यक कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।