शिमला। विधानसभा चुनाव से ठीक पूर्व बागी हो गए मेजर विजय सिंह मनकोटिया का मानना है कि इस बार कांग्रेस का डबल डिजिट में पहुंचना भी मुश्किल है। उनके अनुसार विभिन्न खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने भी उनके समक्ष अपना यही आकलन बयां किया है तथा पार्टी की यह स्थिति मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर लगे भ्रष्टाचार धब्बों के कारण हुई है। मेजर मनकोटिया को वीरवार को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। इसके बाद शुक्रवार को वे यहां पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
मनकोटिया ने कहा, “सरकारी पत्र के अनुसार मुझे उपाध्यक्ष पद से जनहित में हटाया गया, लेकिन मैं पूछता हूं कि इसमें क्या जनहित हैं? जनहित तो तब होता यदि वीरभद्र सिंह अपने पद से त्यागपत्र दे देते, जिनकी बदनामी के कारण आज प्रदेश की 80 प्रतिशत जनता नाराज चल रही है।” उन्होंने जोर देकर कहा, “ वीरभद्र जी, आप त्यागपत्र क्यों नहीं दे देते? क्या आपने तय ही कर लिया है कि कांग्रेस का बेड़ा गर्क करके ही दम लेंगे?”
कांग्रेस के बागी नेता ने कहा कि प्रदेश में सत्ता भाजपा को थाली में सजा कर परोसी जा रही है और ये सब वीरभद्र सिंह के विफल नेतृत्व के कारण हो रहा है। इस समय वीरभद्र सिंह का पूरा परिवार ही जमानत पर है और अदालतों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है। ऐसे में वीरभद्र सिंह को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि इस समय सरकार और कांग्रेस संगठन आमने सामने हैं। मुख्यमंत्री पार्टी अध्यक्ष सुखविंद्र सुक्खू को नेता ही नहीं मानते। ऐसे में स्थिति यह हो गई है कि भाजपा के लोग वीरभद्र सिंह पर लगातार प्रहार कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता उनके बचाव में आगे नहीं आ रहा।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए मात्र कुछ माह शेष रह गए हैं, भाजपा का चुनाव प्रचार जोरों पर है, उसके राष्ट्रीय नेता पूरे प्रदेश में घूम रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेता हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मनकोटिया ने कहा कि वे भाजपा या किसी अन्य दल में नहीं जा रहे हैं, बल्कि कांग्रेस में ही बने रहेंगे और अपने शाहपुर क्षेत्र से हर हाल में चुनाव लड़ेंगे।