नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि देश में विकास दर धीमी पड़ने का मुख्य कारण नोटबंदी है तथा अर्थव्यवस्था केवल सार्वजनिक व्यय के इंजन पर चल रही है। उन्होंने वर्तमान स्थिति में रोजगार सृजन पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर गहरी चिंता जतायी।
मनमोहन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अपने संबोधन में कहा कि आर्थिक विकास में आयी गिरावट, जो गत तिमाही के जीडीपी आंकड़ों में झलक रही है, अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने कहा, ‘‘देश के गत वित्त वर्ष की चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष 2016-17 के जीडीपी आंकड़े दर्शाते हैं कि देश के आर्थिक विकास में भारी गिरावट आयी है। इसके लिए सरकार द्वारा नवंबर 2016 में की गयी नोटबंदी जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक गतिविधियों को बताने वाले वास्तविक उप माप सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में भारी और निरंतर कमी आयी है। निजी क्षेत्र का निवेश ध्वस्त हो गया है तथा अर्थव्यवस्था एकमात्र सार्वजनिक व्यय के इंजन पर चल रही है। उद्योगों का जीवीए जो मार्च 2016 में 10.7 प्रतिशत था वह मार्च 2017 में घटकर 3.8 प्रतिशत रह गया। इसमें करीब सात प्रतिशत की गिरावट आयी है।पूर्व प्रधानमंत्री ने रोजगार सृजन को सबसे चिंताजनक पहलु बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें सबसे चिंताजनक बात रोजगार सृजन का प्रभाव है। देश के युवाओं के लिए रोजगार मिलना बहुत कठिन हो गया है। देश में सबसे अधिक रोजगार सृजन करने वाला निर्माण उद्योग सिकुड़ रहा है। इसका मतलब है कि देश में लाखों नौकरियां खत्म हो रही हैं।”