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बद्दी। औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के भुड्ड में स्थित टोरेंट फार्मा उद्योग से हटाए गए कामगारों
का आमरण अनशन रविवार को छठे दिन में प्रवेश कर गया है, लेकिन उद्योग प्रबंधन से लेकर प्रशासन तक किसी के कान में जूं तक नहीं रेंगी। इंटक से संबद्ध इन मजदूरों की पीड़ा उस समय और बढ़ गई जब उनके नेताओं ने भी उन्हें बीच मझधार में छोड़ दिया। …और जब उद्योग की ओर से उनके परिजनों को भी धमकियां मिलनी शुरू हो गईं तो आम आदमी पार्टी के नेता और कुछ स्वयं सेवी मजदूरों के सहयोग को आगे आए।
आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक उन्हें वापस नौकरी पर नहीं रख लिया जाता तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि टोरेंट उद्योग पर इंटक का झंडा लगा है और वे उसी के अधीन संगठित है। लेकिन अचानक इस मजदूर संगठन ने भी उनका साथ छोड़ दिया है। संकट के समय अपने कामगारों को इस तरह अकेल छोड़ देने से इंटक की पूरे बीबीएन क्षेत्र में कड़ी आलोचना हो रही है। मजदूरों के समर्थन में खड़े हुए स्वयं सेवी बबलू पंडित कहते हैं, “बीबीएन के उद्योगों में कामगार यूनियनें मात्र चंदा इकट्ठा करने तक सीमित हैं। कामगारों के दुख के समय ये यूनियनें हमेशा पीठ दिखा देती हैं। ऐसा बीबीएन में कई बार हो चुका है।”
आमरण अनशन पर बैठे कामगारों ने मीडिया को बताया कि शुक्रवार शाम को अचानक पुलिस उन्हें जबरन उठा कर नालागढ़ अस्पताल ले गई और डॉक्टरों से मुआयना कराने के नाम पर वहीं छोड़ कर गायब हो गई। उन्होंने बताया कि ऐसे में वे बड़ी मुश्किल से वापस अनशन स्थल पर पहुंचे।
उधर, इंटक के प्रदेशाध्यक्ष हरदीप बावा ने कहा कि टोरेंट फार्मा में इंटक की कोई पंजीकृत यूनियन नहीं है। वहां कामगार अपनी मर्जी से हड़ताल कर रहे हैं। इंटक इस हड़ताल का समर्थन नहीं करती है।
कामगारों के परिवार को धमकीः हड़ताली कामगारों ने बताया कि उद्योग प्रबंधक अब उनके परिजनों को धमकियां दे रहा है। उनके परिजनों को धमकी भरे पत्र भेजे गए हैं, जिसमें कहा गया है कि वे इस हड़ताल का समर्थन न करें। यदि उन्होंने ऐसा किया तो उनका भविष्य भी खराब हो सकता है।
आम आदमी पार्टी दून के संयोजक संजीव कौशल और समाज सेवी बबलू पंडित ने कामगारों की हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा है कि वे इस मामले को प्रदेश स्तर तक उठाएंगे और स्वयं भी कामगारों के साथ हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि इन कामगारों के साथ वास्तव में ही घोर अन्याय हो रहा है। इन्हें इस तरह बेसहारा नहीं छोड़ा जा सकता।