हरिद्वार (रुड़की)। उत्तराखंड में चीनी मिलों, सरकार और प्रशासन का नापाक गठजोड़ गन्ना किसानों को उबरने नहीं दे
इकबालपुर चीनी मिल ने गत फरवरी माह में गन्ने की कमी को देखते हुए गन्ना किसानों को बुलाया और उन्हें भरोसा दिया कि उनका जो भी गन्ना खरीदा जाएगा, उसका 11 दिनों के भीतर नकद भुगतान कर दिया जाएगा। इस पर किसानों ने चीनी मिल को गन्ने की आपूर्ति शुरू कर दी। चीनी मिल ने आरंभ में कुछ दिन तो नकद भुगतान किया, लेकिन बाद में वही पुराना रवैया…। किसानों का भुगतान बंद कर दिया। अप्रैल के दूसरे सप्ताह चीनी मिल भी बंद हो गई थी और किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। अब किसान रोज चीनी मिल के सामने हंगामा कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
किसान नेता कटार सिंह, विकास चौधरी और विजयपाल सिंह ने बताया कि चीनी मिल ने किसानों के साथ धोखा किया है। यदि चीनी मिल किसानों से झूठा वादा नहीं करती तो वे कोल्हू में गन्ना डालकर अपना काम चला लेते। अब चीनी मिल किसानों का 13 करोड़ रुपये बकाया दबाकर बैठ गई है। न सरकार और न ही प्रशासन किसानों की कोई मदद कर रहे हैं।
बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर क्षेत्र के किसानों ने शनिवार को भी उप जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना जारी रखा। किसान नेताओं ने कहा कि जब तक भुगतान नहीं होगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही 27 जुलाई को होने वाली महापंचायत में किसान आगे की रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे। शनिवार को धरने पर प्रदेश प्रवक्ता विजय शास्त्री, जिलाध्यक्ष रवि कुमार, ओमप्रकाश, राजीव कुमार आदि मौजूद रहे।