आनी (कुल्लू)। प्रदेश में किसानों द्वारा साथ लगती सरकारी भूमि पर किए गए कब्जों को हटाने के लिए सरकार द्वारा
राकेश सिंघा ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में पूंजीपतियों को धड़ाधड़ सरकारी भूमि लीज पर दी जा रही है, लेकिन जब किसानों की बात आती है तो सरकारें चुप्पी साध लेती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उच्च न्यायालय के फैसले की आड़ में किसानों को बेरहमी से भूमि से बेदखल करने में जुट गई है। उनके बागीचों को निर्ममतापूर्वक काटा जा रहा है। यह सरकार यदि किसानों की हितैशी होती तो हाईकोर्ट में हल्फनामा देकर किसानों के पक्ष में कोई संशोधन की बात करती। उन्होंने घोषणा की कि शीघ्र ही पूरे प्रदेश में किसान आंदोलन शुरू किए जाएंगे।
राकेश सिंघा ने कहा कि हरे भरे फल पौधों को काटना हत्या करने के बराबर है। बागवान अपने बच्चों की तरह फल पौधों का पालन पोषण करते हैं। लेकिन सरकार मानवीयता की सारी हदें लांघते हुए बागीचों पर कुल्हाड़ी चला रही है। किसान- बागवान इसे अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे।
माकपा नेता ने कहा कि पहले भाजपा सरकार ने किसानों को ठगा और अब कांग्रेस उनका उत्पीड़न कर रही है। प्रश्न किया कि सरकारें जब पूंजीपतियों को भूमि लीज पर दे सकती है तो किसानों को उनकी अवैध कब्जे वाली भूमि लीज पर क्यों नहीं दी जा सकती? उन्होंने कहा कि आज सरकारों की गलत नीतियों की वजह से ही आज देश भर में लाखों किसान आत्महत्या कर चुके हैं। हिमाचल में भी गरीब किसानों को सहयोग देने के बजाए उन्हें जमीन से बेदखल करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है- किसानों- बागवानों को अपने हक के लिए जागना होगा और अपने पौधों की रक्षा के लिए आवाज उठानी होगी।
किसानों- बागवानों की इस रैली को किसान सभा आनी के अध्यक्ष प्रताप ठाकुर, किसान नेता वीर सिंह, खयाली राम, टिकम राम, दलीप ठाकुर, पदम, गीताराम तथा हरविन्द्र आदि ने भी संबोधित किया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के माध्यम से सरकार को एक ज्ञापन भी भेजा।