नई दिल्ली। केंद्र और राज्य सरकारें भले ही किसानों की भलाई के लाख दावे करें, लेकिन किसानों का खेती से मोह
भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने बताया कि इस सर्वेक्षण में किसानों की स्थिति और योजनाओं के लाभ किसानों तक पहुंचाने में सरकार की नाकामी से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सर्वे के मुताबिक 60 प्रतिशत किसान चाहते हैं कि उनके बच्चे शहर में रहे। जिन किसानों से बात की गई उनमें से 70 प्रतिशत किसान खेती के अलावा कोई दूसरा काम करने के इच्छुक हैं। 61 फीसदी किसान ऐसे हैं जो शहर में रोजगार मिलने पर खेती छोड़ने को तैयार हैं। ज्यादातर नौजवानों की खेती में कोई दिलचस्प नहीं है।
सर्वे का नेतृत्व करने वाले सीएसडीएस के संजय कुमार का कहना है कि किसानों के कल्याण की योजनाओं का फायदा जमीन स्तर तक नहीं पहुंच रहा है। सर्वे में 19 प्रतिशत किसानों ने किसान काल सेंटर के बारे में नहीं सुना था। सुनने वालों में भी 70 फीसदी किसानों ने कभी काल सेंटर में संपर्क नहीं किया। इसी तरह 70 फीसदी किसानों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की जानकारी नहीं है, जबकि भूमि अधिग्रहण कानून के बारे में सिर्फ 27 फीसदी लोगों ने सुना है।
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