नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई तेज करते हुए
यह कार्रवाई वीरभद्र सिंह के केंद्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए कुछ विवादित लेनदेन और इनकम टेक्स रिटर्न में कुछ विवादित एंट्रियों की जांच के चलते हो रही है। इसमें करीब साढ़े छह करोड़ रुपये की राशि है, जिसका हिसाब कागजों से मेल नहीं खा रहा है। विपक्ष के लोग आरोप लगा रहे हैं कि वीरभद्र सिंह के खातों में यह राशि मनीलांड्रिंग के द्वारा आई है।
वीरभद्र सिंह के खिलाफ यह आरोप लगने पर पूर्व में उन्हें इस्पात मंत्री के पद से त्यागपत्र भी देना पड़ा था। इस मामले की सीबीआई ने पहले भी जांच की थी, लेकिन उस समय उसके हाथ कुछ भी ठोस नहीं लगा था और उसने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी थी। लेकिन केंद्र में एनडीए की सरकार बनते ही इस केस को फिर से खोल दिया गया। दिल्ली के दिल्ली के प्रवर्तन निदेशालय ने गत 15 नवंबर को ही वीरभद्र सिंह और उनके परिवार से सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज किया था और अब यह छापामारी की कार्रवाई हुई है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपनी फेसबुक वॉल पर टिप्पणी की है कि, “पिछली बार की सीबीआई रेड मेरी बेटी के शादी के दिन थी और आज जब मैं बिहार के मुख्यमंत्री के शपथ-ग्रहण के लिए गया तब ED ने धावा बोला। यह कहीं बिहार चुनाव हारने की बौखलाहट तो नहीं? अरे भाई ! जिससे जाँच करवानी है, जल्द करवाओ! अमेरिका की FBI या लंदन की Scotland Yard से भी करवाओ, मगर यह हर रोज़ का चोर-पुलिस का खेल मत खेलो।”
शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा और उद्योगमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने ईडी की छापेमारी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि विरोधी अपने षड्यंत्र में कामयाब नहीं होंगे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कानून की अदालत से हमेशा की तरह पाक साफ होकर निकलेंगे और फिर जनता की अदालत विरोधियों को इसकी सजा देगी।