उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिला में भटवाड़ी प्रखंड के छह गांवों की महिलाओं ने प्याज उत्पादन में सबको हैरान करके रख
हिमालय ट्रस्ट व हिमोत्थान के तकनीकी और वित्तीय सहयोग से दो साल पूर्व गणेशपुर, नैताला, हिना, सिरोर, मनेरी व नाल्ड के लोगों को प्याज की खेती के लिए प्रेरित किया गया था। पहले साल कम लोगों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई, लेकिन इस बार जनवरी माह में छह गांवों की महिलाओं ने समूह बनाकर प्याज की खेती शुरू की। इसमें छह गांवों के 23 समूहों के 260 महिला किसान सीधे तौर पर जुड़ीं। इन सभी समूहों में शामिल किसानों ने अपनी परंपरागत खेती के साथ कुछ हिस्से में प्याज की पौध लगाई। अब छह माह बाद प्याज की उपज तैयार होकर निकाल ली गई है। अधिक उपज के बाद किसानों के सामने इसके भंडारण की समस्या पैदा हो गई। लेकिन नियोजित ढंग से समूहों के जरिए खेती करने के कारण इसका हल भी निकाल लिया गया। सभी समूहों ने एकमत होकर गणेशपुर व नैताला के बीच एक पुराने भवन को किराये पर लेकर वहां प्याज का भंडारण शुरू कर दिया है। उगाया गया प्याज बीएल 1 प्रजाति का है, जिसे अल्मोड़ा स्थित विवेकानंद कृषि अनुसंधान संस्थान ने विकसित किया है। इसका छह माह तक भंडारण किया जा सकता है। लिहाजा अब ग्रामीणों ने मौजूदा समय में मंडियों में प्याज की कम कीमतों को देखते हुए अक्टूबर माह तक इसका भंडारण करने का निर्णय लिया है। हालांकि यह भी तय किया गया है कि स्थानीय बाजार में उचित कीमत मिलने पर किसान अपनी उपज बेच सकते हैं। गणेशपुर की प्रधान पुष्पा चौहान ने बताया कि प्याज के अतिरिक्त महिलाओं ने दस क्विंटल धनिया का उत्पादन भी किया गया है। आने वाले समय में इसका उत्पादन भी बढ़ाया जाएगा।
प्याज के बीज का भी हो रहा उत्पादनः प्याज के बीज की राष्ट्रीय स्तर पर ही काफी मांग है। गणेशपुर गांव में महिला समूह का प्याज के बीज उत्पादन का प्रयोग भी सफल रहा है। इस बात का पता चलने पर रविवार को राष्ट्रीय बीज निगम का एक दल ग्रामीणों से मिलने पहुंचा। दल में शामिल डॉ. वीएस पांडे ने ग्रामीणों को अधिक मात्रा में बीज उत्पादन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि निगम की ओर से उन्हें पूरा तकनीकी सहयोग दिया जाएगा और तैयार होने पर निगम उनसे बीज की खरीद करेगा।
जिला उद्यान अधिकारी सुरेश राम भी कहते हैं कि भटवाड़ी प्रखंड के गणेशपुर से सिरोर तक के इन छह गांवों के लोगों ने साबित किया है कि खेती से समृद्धि हासिल की जा सकती है। विभाग की ओर से भी ग्रामीणों को पूरी मदद उपलब्ध कराई जा रही है।